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[[चित्र:Tashichoedzong-Bhutan-2001.JPG|thumb|200px|भूटान की राजनीति का केंद्र ''शोगडू'']]
 
भूटान का राजप्रमुख [[भूटान के राजा|राजा]] अर्थात ''द्रुक ग्यालपो'' होता है, जो वर्तमान में [[जिग्मे खेसर नामग्याल वांग्चुक]] हैं। हालांकि यह पद वंशानुगत है लेकिन भूटान के [[भारतीय संसद|संसद]] ''शोगडू'' के दो तिहाई बहुमत द्वारा हटाया जा सकता है। शोगडू में 154 सीटे होते हैं, जिसमे स्थानीय रूप से चुने गए प्रतिनिधि (105), धार्मिक प्रतिनिधि (12) और राजा द्वारा नामांकित प्रतिनिधि (37) और इन सभी का कार्यकाल तीन वर्षों का होता है। राजा की कार्यकारी शक्तियाँ ''शोगडू'' के माध्यम से चुने गए मंत्रिपरिषद में निहित होती हैं। मंत्रिपरिषद के सदस्यों का चुनाव राजा करता है और इनका कार्यकाल पाँच वर्षों का होता है।
[[सरकार]] की नीतियों का निर्धारण इस बात को ध्यान में रखकर किया जाता है कि इससे पारंपरिक संस्कृति और मूल्यों का संरक्षण हो सके। हालांकि भूटान में रहने वाले [[नेपाली (बहुविकल्पी)|नेपाली]] मूल के [[अल्पसंख्यक]] समुदायों में कुछ असंतोष है, जो अपनी संस्कृति पर भूटानी संस्कृति लादे जाने के खिलाफ हैं। इस व्यवस्था का विरोध करने वाले नेपाली भूटानी नेपाल तथा भारत के विभिन्न हिस्सों में [[भूटानी शरणार्थी|शरणार्थी]] बनने को विवश हैं। पूर्वी नेपाल में करीब एक लाख से ज्यादा व भारत में ३० हजार के करीब भूटानी नेपाली शरणार्थी के तौर पर रह रहे हैं। उनकी देखभाल शरणार्थी संबंधी राष्ट्रसंघीय उच्चायुक्त से मिलकर नेपाल सरकार कर रही है।
 
"https://hi.wikipedia.org/wiki/भूटान" से प्राप्त