भूटान
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भूटान, आधिकारिक तौर पर भूटान साम्राज्य , ( जोङखा : འབྲུག་རྒྱལ་ཁབ; वाइली : 'ड्रुक ग्याल खाब ) दक्षिण एशिया में एक स्थल-रुद्ध देश है , जो उत्तर में चीन और दक्षिण में भारत के बीच पूर्वी हिमालय में स्थित है , भारतीय राज्य सिक्किम इसे पड़ोसी देश नेपाल से अलग करता है। 727,145 से अधिक की आबादी और 38,394 वर्ग किलोमीटर (14,824 वर्ग मील) के क्षेत्रफल के साथ, भूटान भूमि क्षेत्र में 133वें और जनसंख्या में 160वें स्थान पर है । भूटान एक लोकतांत्रिक संवैधानिक राजतंत्र है जिसमें राजा राज्य का प्रमुख और प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है । जे खेंपो धर्म राजा , वज्रयान बौद्ध धर्म के प्रमुख हैं ।
किंगडॉम ऑफ भूटान འབྲུག་ཡུལ (जोङखा) | |
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राष्ट्रगान: द्रुक सेन्देन | |
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राजधानी एवं सबसे बड़ा शहर | थिम्फू |
आधिकारिक भाषा(एँ) | जोङखा |
सरकार | गणतंत्र पारंपरिक राजतंत्र |
• राजा | जिग्मे खेसर नामग्याल वांग्चुक |
• प्रधानमंत्री | लोतेय त्शेरिंग |
वांग्चुक साम्राज्य | |
• | 17 दिसंबर 1907 |
क्षेत्रफल | |
• कुल | 38,394 कि॰मी2 (14,824 वर्ग मील) 131वाँ) |
• जल क्षेत्र (%) | आंकडे अनुपलब्ध |
जनसंख्या | |
• 2007 आकलन | 672,425 (2005) (117) |
• 2005 जनगणना | 2,162,546 |
GDP (PPP) | 2007 प्राक्कलन |
• कुल | $439 करोड़ (₹3,58,56,99,32,000) (160वां) |
• प्रति व्यक्ति | $5,477 (117वां) |
HDI (2013) | 0.612[1] मध्यम · 136वाँ |
मुद्रा | ङुलत्रुम भारतीय रुपया (बीटीएन आईएनआर) |
समय मंडल | UTC+6:00 (भूटान समय बी.टी.टी) |
• ग्रीष्मकालीन (DST) | UTC+6 |
दूरभाष कोड | 975 |
इंटरनेट TLD | .bt |
उत्तर में हिमालय पर्वत दक्षिण में देश के हरे-भरे उपोष्णकटिबंधीय मैदानों से ऊपर उठते हैं । [ 16 ] , समुद्र तल से 7,000 मीटर (23,000 फीट) से अधिक ऊँची चोटियाँ हैं । गंगखर पुएनसुम भूटान की सबसे ऊँची चोटी है और दुनिया का सबसे ऊँचा बिना चढ़ा हुआ पर्वत है। भूटान का वन्यजीव अपनी विविधता के लिए उल्लेखनीय है, जिसमें हिमालयन ताकिन और गोल्डन लंगूर शामिल हैं । राजधानी और सबसे बड़ा शहर थिम्पू है , जिसकी आबादी लगभग 15% है।
नाम
संपादित करेंकुछ लोगों के अनुसार भूटान संस्कृत के भू-उत्थान से बना शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ है ऊंची भूमि. कुछ के अनुसार यह भोट-अन्त (भोटान्त) (यानि तिब्बत का अन्त) का बिगड़ा रूप है। यहां के निवासी भूटान को ड्रुग-युल (अझ़दहा का देश) तथा इसके निवासियों को ड्रुगपा कहते हैं। इसके अलावा भी भूटान के कई नाम रहे हैं पूर्व में।
इतिहास
संपादित करेंसत्रहवीं सदी के अंत में भूटान ने बौद्ध धर्म को अंगीकार किया। 1865 में ब्रिटेन और भूटान के बीच सिनचुलु संधि पर हस्ताक्षर हुआ, जिसके तहत भूटान को सीमावर्ती कुछ भूभाग के बदले कुछ वार्षिक अनुदान के करार किए गए। ब्रिटिश प्रभाव के तहत 1907 में वहाँ राजशाही की स्थापना हुई। तीन साल बाद एक और समझौता हुआ, जिसके तहत ब्रिटिश इस बात पर राजी हुए कि वे भूटान के आंतरिक मामलों में हस्त्क्षेप नहीं करेंगे लेकिन भूटान की विदेश नीति इंग्लैंड द्वारा तय की जाएगी। बाद में 1947 के पश्चात यही भूमिका भारत को मिली। दो साल बाद 1949 में भारत भूटान समझौते के तहत भारत ने भूटान की वो सारी जमीन उसे लौटा दी जो अंग्रेजों के अधीन थी। इस समझौते के तहत भारत का भूटान की विदेश नीति एवं रक्षा नीति में काफी महत्वपूर्ण भूमिका दी गई।[2]
राजनीति
संपादित करेंभूटान का राजप्रमुख राजा अर्थात द्रुक ग्यालपो होता है, जो वर्तमान में जिग्मे खेसर नामग्याल वांग्चुक हैं। हालांकि यह पद वंशानुगत है लेकिन भूटान के संसद शोगडू के दो तिहाई बहुमत द्वारा हटाया जा सकता है। शोगडू में 154 सीटे होते हैं, जिसमे स्थानीय रूप से चुने गए प्रतिनिधि (105), धार्मिक प्रतिनिधि (12) और राजा द्वारा नामांकित प्रतिनिधि (37) और इन सभी का कार्यकाल तीन वर्षों का होता है। राजा की कार्यकारी शक्तियाँ शोगडू के माध्यम से चुने गए मंत्रिपरिषद में निहित होती हैं। मंत्रिपरिषद के सदस्यों का चुनाव राजा करता है और इनका कार्यकाल पाँच वर्षों का होता है। सरकार की नीतियों का निर्धारण इस बात को ध्यान में रखकर किया जाता है कि इससे पारंपरिक संस्कृति और मूल्यों का संरक्षण हो सके। हालांकि भूटान में रहने वाले नेपाली मूल के अल्पसंख्यक समुदायों में कुछ असंतोष है, जो अपनी संस्कृति पर भूटानी संस्कृति लादे जाने के खिलाफ हैं। इस व्यवस्था का विरोध करने वाले नेपाली भूटानी नेपाल तथा भारत के विभिन्न हिस्सों में शरणार्थी बनने को विवश हैं। पूर्वी नेपाल में करीब एक लाख से ज्यादा व भारत में ३० हजार के करीब भूटानी नेपाली शरणार्थी के तौर पर रह रहे हैं। उनकी देखभाल शरणार्थी संबंधी राष्ट्रसंघीय उच्चायुक्त से मिलकर नेपाल सरकार कर रही है।[3]
जिले
संपादित करेंभूटान बीस जिलों (ज़ोंगखाग) में विभाजित है।
भूगोल
संपादित करेंभूटान चारों तरफ से स्थल से घिरा हुआ पर्वतीय क्षेत्र है। उत्तर में पर्वतों की चोटियाँ कहीं-कहीं 7000 मीटर से भी ऊँची हैं, सबसे ऊँची चोटी कुला कांगरी जो 7553 मीटर है। गांगखर पुएनसुम की ऊँचाई 6896 मीटर है, जिस पर अभी तक मानवों के कदम नहीं पहुँचे हैं। देश का दक्षिणी हिस्सा अपेक्षाकृत कम ऊँचा है और यहाँ कई उपजाऊ और सघन घाटियाँ हैं, जो ब्रह्मपुत्र की घाटी से मिलती है। देश का लगभग 70% हिस्सा वनों से आच्छादित है। देश की ज्यादातर आबादी देश के मध्यवर्ती हिस्सों में रहती है। देश का सबसे बड़ा शहर, राजधानी थिम्फू है, जिसकी आबादी 50,000 है, जो देश के पश्चिमी हिस्से में स्थित है। यहाँ की जलवायु मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय है।[4]
अर्थव्यवस्था
संपादित करेंविश्व के सबसे छोटी अर्थव्यवस्थाओं में से एक भूटान का आर्थिक ढाँचा मुख्य रूप से कृषि और वन क्षेत्रों और अपने यहाँ निर्मित पनबिजली के भारत को विक्रय पर निर्भर है। ऐसा माना जाता है कि इन तीन चीजों से भूटान की सरकारी आय का 75% आता है। कृषि जो यहाँ के लोगों का आधार है, इस पर 90% से ज्यादा लोग निर्भर हैं। भूटान का मुख्य आर्थिक सहयोगी भारत हैं क्योंकि तिब्बत से लगने वाली भूटान की सीमा बंद है। भूटान की मुद्रा ङुल्ट्रम है, जिसका भारतीय रुपया से आसानी से विनिमय किया जा सकता है। औद्योगिक उत्पादन लगभग नगण्य है और जो कुछ भी है, वे कुटीर उद्योग की श्रेणी में आते हैं। ज्यादातर विकास परियोजनाएँ जैसे सड़कों का विकास इत्यादि भारतीय सहयोग से ही होता है। भूटान की पनबिजली और पर्यटन के क्षेत्र में असीमित संभावनाएँ हैं।[5]
लोग एवं धर्म
संपादित करेंभूटान की लगभग आधी आबादी भूटान के मूलनिवासी हैं, जिन्हें गांलोप कहा जाता है और इनका निकट का संबंध तिब्बत की कुछ प्रजातियों से है। इसके अलावा अन्य प्रजातियों में नेपाली है और इनका सम्बन्ध नेपाल राज्य से है। उसके बाद शरछोगपा और ल्होछमपा हैं। यहाँ की आधिकारिक भाषा जोङखा है, इसके साथ ही यहाँ कई अन्य भाषाएँ बोली जाती हैं, जिनमें कुछ तो विलुप्त होने के कगार पर हैं।[6]
भूटान में आधिकारिक धर्म बौद्ध धर्म की वज्रयान शाखा है, जिसका अनुपालन देश की लगभग ७५% जनता करती है। भूटान की अतिरिक्त २५ प्रतिशत जनसंख्या हिंदू धर्म की अनुयायी है। भूटान के हिंदू धर्मी नेपाली मूल के लोग है, जिन्हे ल्होछमपा भी कहा जाता है।[2] भूटान, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भारत के सर्वाधिक करीब है।
संस्कृति
संपादित करेंभूटान दुनिया के उन कुछ देशों में है, जो खुद को शेष संसार से अलग-थलग रखता चला आ रहा है और आज भी काफी हद तक यहाँ विदेशियों का प्रवेश नियंत्रित है। देश की ज्यादातर आबादी छोटे गाँव में रहते हैं और कृषि पर निर्भर हैं। शहरीकरण धीरे-धीरे अपने पाँव जमा रहा है। बौद्ध विचार यहाँ की ज़िंदगी का अहम हिस्सा हैं। तीरंदाजी यहाँ का राष्ट्रीय खेल है।[7]
यह भी देखिए
संपादित करें- भूटान का इतिहास
- भूटान में यातायात
- भूटान की सेना
- थिम्पू
- जोङखा (भूटान की भाषा)
- भारत-भूटान सम्बन्ध
- wikt:भूटान (विक्षनरी)
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "2014 Human Development Report Summary" (PDF). संयुक्त राष्ट्र Development Programme. 2014. पपृ॰ 21–25. मूल से 29 जुलाई 2016 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि 27 जुलाई 2014.
- ↑ अ आ "भूटान के बारे में 10 बातें, जो आप नहीं जानते". BBC News हिंदी. मूल से 5 दिसंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-06-28.
- ↑ "भूटान में लोकतंत्र". livehindustan.com (hindi में). अभिगमन तिथि 2020-06-28.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
- ↑ "25 बड़ी बातें, इसलिए चीन को खटकता है भूटान". News18 इंडिया. 2017-07-17. मूल से 12 अप्रैल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-06-28.
- ↑ कमलेश (2020-02-08). "भारतीयों के लिए भूटान की सैर अब आसान क्यों नहीं रही". BBC News हिंदी. मूल से 15 मई 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-06-29.
- ↑ हिन्दी, टीम बीबीसी (2018-11-04). "सबसे ख़ुशहाल देश भूटान में क्यों बढ़ रहा अवसाद और ख़ुदकुशी". BBC News हिंदी. मूल से 28 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-06-29.
- ↑ "जिंदगी में एक बार जरूर जाएं भूटान, ये रही 6 वजहें..." NDTVIndia. मूल से 27 अगस्त 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-06-29.