टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
छो 117.233.79.52 (Talk) के संपादनों को हटाकर 106.207.206.59 के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया
टैग: वापस लिया SWViewer [1.4]
पंक्ति 33:
'''हाइफ़ा''' (Haifa ; [[इब्रानी भाषा|हिब्रू]] : חֵיפָה Heifa , हिब्रू उच्चारण: [χei̯ˈfa], [[अरबी]] : حيفا‎ Ḥayfā ) उत्तरी [[इज़राइल|इजराइल]] का सबसे बड़ा नगर तथा इजराइल का तीसरा सबसे बड़ा नगर है। इसकी जनसंख्या लगभग तीन लाख है। इसके अलावा लगभग तीन लाख लोग इसके समीपवर्ती नगरों में रहते हैं। इसी नगर में [[बहाई विश्व केन्द्र]] भी है जो [[युनेस्को|यूनेस्को]] द्वारा विश्व विरासत घोषित है।
 
==यह शहर हिंदुस्तान और इजराइल के बीच प्रगाढ़ रिस्तो की एक वजह भी है, 1918 मे प्रथम विश्व युद्ध के समय अंग्रेज सेना के अधिन जोधपुर और मैसूर रियासत की सेनाओ ने ब्रिगेडियर दलपत सिंहSHEKHAWATसिंह जो की जोधपुर रियासत के सेनापति भी थे के नेतृत्व मे आटोमन एम्पायर वाली टर्की और आस्ट्रिया की सेनाओ को हरा कर हाइफा को आज़ाद करवा के यहूदियो को दिलवाया था। जोधपुर और मैसूर के सेनिको ने सिर्फ तलवारो के दम पर तात्कालिक आधुनिक हत्यारो से सजी ऑटोमन एम्पायर की सेना को बुरी तरह परास्त किया था। दिल्ली का तीनमूर्ति स्मारक इसी युद्ध की याद मे बना है, आज भी इज़राइल के स्कूलों मे इस युद्ध और ब्रिगेडियर दलपत सिंह के शौर्य के बारे मे पढ़ाया जाता है।==
जो की जोधपुर रियासत के सेनापति भी थे के नेतृत्व मे आटोमन एम्पायर वाली टर्की और आस्ट्रिया की सेनाओ को हरा कर हाइफा को आज़ाद करवा के यहूदियो को दिलवाया था। जोधपुर और मैसूर के सेनिको ने सिर्फ तलवारो के दम पर तात्कालिक आधुनिक हत्यारो से सजी ऑटोमन एम्पायर की सेना को बुरी तरह परास्त किया था। दिल्ली का तीनमूर्ति स्मारक इसी युद्ध की याद मे बना है, आज भी इज़राइल के स्कूलों मे इस युद्ध और ब्रिगेडियर दलपत सिंह के शौर्य के बारे मे पढ़ाया जाता है।==
{{टिप्पणीसूची}}