"उपसर्ग": अवतरणों में अंतर
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भय
'''उपसर्ग क्या है?'''
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हिन्दी में प्रयुक्त उपसर्ग
1.
2.अप
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अल - निश्चित, अन्तिम - अलविदा, अलबत्ता
कम - हीन, थोड़ा, अल्प - कमसिन, कमअक्ल, कमज़ोर
खुश - श्रेष्ठता के अर्थ में - खुशबू, खुशनसीब, खुशकिस्मत, खुशदिल, खुशहाल, खुशमिजाज
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ला - बिना, नहीं - लापता लाजबाब लावारिस लापरवाह लाइलाज लामानी लाइल्म लाज़वाल
उपसर्ग
उदाहरण:
उप + कार = उपकार आ + हार = उपसर्ग
▲उपसर्ग {उप (समीप) + सर्ग (सृष्टि करना)} का अर्थ है- किसी शब्द के समीप आ कर नया शब्द बनाना। जो शब्दांश शब्दों के आदि में जुड़ कर उनके अर्थ में कुछ विशेषता लाते हैं, वे उपसर्ग कहलाते हैं। 'हार' शब्द का अर्थ है पराजय। परंतु इसी शब्द के आगे 'प्र' शब्दांश को जोड़ने से नया शब्द बनेगा - 'प्रहार' (प्र + हार) जिसका अर्थ है चोट करना। इसी तरह 'आ' जोड़ने से आहार (भोजन), 'सम्' जोड़ने से संहार (विनाश) तथा 'वि' जोड़ने से 'विहार' (घूमना) इत्यादि शब्द बन जाएँगे। उपर्युक्त उदाहरण में 'प्र', 'आ', 'सम्' और 'वि' का अलग से कोई अर्थ नहीं है, 'हार' शब्द के आदि में जुड़ने से उसके अर्थ में इन्होंने परिवर्तन कर दिया है। इसका मतलब हुआ कि ये सभी शब्दांश हैं और ऐसे शब्दांशों को उपसर्ग कहते हैं। हिन्दी में प्रचलित उपसर्गों को निम्नलिखित भागों में विभाजित किया जा सकता है।
▲2. हिन्दी के उपसर्ग
▲3. उर्दू और फ़ारसी के उपसर्ग
▲4. अंग्रेज़ी के उपसर्ग
5. उपसर्ग के समान प्रयुक्त होने वाले संस्कृत के अव्यय।
▲क्रम उपसर्ग अर्थ शब्द
2 अधिऊपर, श्रेष्ठअधिकार, अधिपति, अधिनायक
3 अनुपीछे, समानअनुचर, अनुकरण, अनुसार, अनुशासन
▲1. अति अधिक अत्यधिक, अत्यंत, अतिरिक्त, अतिशय
4 अपबुरा, हीनअपयश, अपमान, अपकार
5 अभिसामने, चारों ओर, पासअभियान, अभिषेक, अभिनय,अभिमुख
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