"शान्ति": अवतरणों में अंतर

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अगर देखा जाए तो शांति के बिना जीवन का आधार नहीं है हजारों सालों से भारत विश्व का गुरु और शांतिदूत रहा था लेकिन मानव की स्वार्थसिद्धी के कारण भारत में शांति का पतन होता आया और आज आम आदमी के जीवन में भय व्याप्त हो गया है, इसका मूल कारण स्वार्थ, कायरता, अविश्वास और ईश्वर प्रदत प्रेमभाव का आम जन में समाप्त होना
 
([[श्रेणी:शान्ति|*]])