"हिन्दी व्याकरण": अवतरणों में अंतर
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'''हिंदी व्याकरण''', [[हिंदी]] भाषा को शुद्ध रूप में लिखने और बोलने संबंधी नियमों का बोध कराने वाला शास्त्र हैं। यह हिंदी भाषा के अध्ययन का महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं।<ref>{{cite book |last1=Kachru |first1=Yamuna |title=Aspects of Hindi grammar |date=1980 |publisher=Manohar |url=https://books.google.co.in/books?id=w7JjAAAAMAAJ&q=hindi+grammar&dq=hindi+grammar&hl=en&sa=X&ved=0ahUKEwiDmKqG2Z3cAhVFrI8KHSl-Ak8Q6AEIPDAF |accessdate=14 जुलाई 2018 |language=en |archive-url=https://web.archive.org/web/20180714080632/https://books.google.co.in/books?id=w7JjAAAAMAAJ&q=hindi+grammar&dq=hindi+grammar&hl=en&sa=X&ved=0ahUKEwiDmKqG2Z3cAhVFrI8KHSl-Ak8Q6AEIPDAF |archive-date=14 जुलाई 2018 |url-status=live }}</ref> इसमें हिंदी के सभी स्वरूपों का चार खंडों के अंतर्गत अध्ययन किया जाता है; यथा- वर्ण विचार के अंतर्गत [[ध्वनि]] और [[वर्ण]] तथा शब्द विचार के अंतर्गत [[शब्द]] के विविध पक्षों संबंधी नियमों और वाक्य विचार के अंतर्गत [[वाक्य]] संबंधी विभिन्न स्थितियों एवं छंद विचार में साहित्यिक रचनाओं के शिल्पगत पक्षों पर विचार किया गया
== वर्ण विचार ==
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== शब्द विचार ==
{{main|शब्द और उसके भेद}}
शब्द विचार हिंदी व्याकरण का दूसरा खंड है जिसके अंतर्गत शब्द की परिभाषा, भेद-उपभेद, संधि, विच्छेद, रूपांतरण, निर्माण आदि से संबंधित नियमों पर विचार किया जाता है।'''शब्द की परिभाषा-''' एक या अधिक वर्णों से बनी हुई स्वतंत्र सार्थक ध्वनि शब्द कहलाता है। जैसे- एक वर्ण से निर्मित शब्द-न (नहीं) व (और) अनेक वर्णों से निर्मित शब्द-कुत्ता, शेर,कमल, नयन, प्रासाद, सर्वव्यापी, परमात्मा।
शब्द-भेद <br />'''व्युत्पत्ति (बनावट) के आधार पर शब्द-भेद-''' <br />व्युत्पत्ति (बनावट) के आधार पर शब्द के निम्नलिखित तीन भेद हैं-<br />1. '''रूढ़''' 2. '''यौगिक'''
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रहना-सहना रहन-सहन
देखना-भालना देख-भाल
== शब्द ==
पंक्ति 492:
:# '''विधेय'''
जिसके बारे में बात की जाय उसे उद्देश्य कहते हैं और जो बात की जाय उसे विधेय कहते हैं। उदाहरण के लिए
:# अर्थ के आधार पर वाक्य भेद
:# रचना के आधार पर वाक्य भेद
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