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फिटकारी को [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेजी]] में पोटैश ऐलम या केवल ऐलम भी कहते हैं। यह पोटैशियम सल्फेट और ऐलुमिनियम सल्फेट का द्विलवण है, इसके चतुर्फलकीय क्रिस्टल में क्रिस्टलीय जल के २४ अणु रहते हैं। इसके क्रिस्टल अत्यंत सरलता से बनते हैं।
 
पहले पहल फिटकरी ऐलम शेल (shale) से बनाई गई थी। यह बड़ी मात्रा में ऐलूनाइट या फिटकरी पत्थर (K<sub>2</sub>SO<sub>4</sub> Al<sub>2</sub>(SO<sub>4</sub>)<sub>3</sub>.4 Al(OH)<sub>3</sub>) के वायु में भंजन, निक्षालन (lixiviation) और क्रिस्टलीकरण से प्राप्त होती है।tkहै। [[ऐलूनाइट]] से प्राप्त ऐलम को 'रोमन ऐलम' भी कहते हैं। ऐलूमिनों फेरिक के विलयन पर पोटैशियम सल्फेट की क्रिया से भी फिटकारी प्राप्त हो सकती है। फेरिक ऑक्साइड के कारण इसका रंग गुलाबी होता है, यद्यपि विलेय लोहा इसमें बिल्कुल नहीं होता, या केवल लेश मात्र होता है।
 
पोटैश ऐलम ९२° सें. पर पिघलता है। २००° सें. पर इसका जल निकल जाता है जिसस यह सरंध्र पुंज में परिणत हो जाता है। इसे 'जली हुई फिटकरी' कहते हैं। वायु में इसके क्रिस्टल प्रस्फुटित होते हैं, जो वायु से [[अमोनिया]] का अवशोषण कर क्षारक लवण में परिवर्तित हो जाते हैं।