"बिहार का मध्यकालीन इतिहास": अवतरणों में अंतर

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अखबार टीवी पेपर मीडिया व्हाट्एप यानि पूरे संचार तंत्र को लाक डाउन कोरोना समस्या का एक ही रास्ता है
[[बिहार]] का मध्यकालीन इतिहास का प्रारम्भ उत्तर-पश्‍चिम सीमा पर तुर्कों के आक्रमण से होता है। मध्यकालीन काल में भारत में किसी की भी मजबूत केन्द्रीय सत्ता नहीं थी। पूरे देश में सामन्तवादी व्यवस्था चल रही थी। सभी शासक छोटे-छोटे क्षेत्रीय शासन में विभक्‍त थे।
प्रश्न-पर्दा घूंघट परिपाटी क्या है? उत्तर - सेवानिवृत्त कार्यपालन अभि. स्व दुलारी प्रसाद की बहुओं को नोट खाकर पीएम द्वारा बके गए कोरोना अकाल में दहेज के काफिले को स्थिर रखने को घूंघट प्रथा कहते हैं जबकि पत्रकारों द्वारा छापे जाने वाले वोलवशिक क्रांति खूनी नक्सल सप्ताह में ११ नवंबर २०२० बर्थ डे धंधा को F२ में कैद कर देने को घूंघट परिपाटी कहा जाता हैं । इस कहानी से राजेन्द्र कुमार बताते है कि पुरातन काल से प्रबुद्धजनों के आतंक को नेस्तनाबूद करने के लिए डॉलर पर उनके घर जमाई की फोटु चिपकाना जरुरी है
 
Wednesday, 21 October 2020
मध्यकालीन बिहार की इतिहास की जानकारी के स्त्रोतों में अभिलेख, नुहानी राज्य के स्त्रोत, विभिन्न राजाओं एवं जमींदारों के राजनीतिक जीवन एवं अन्य सत्ताओं से उनके संघर्ष, दस्तावेज, मिथिला क्षेत्र में लिखे गये ग्रन्थ, यूरोपीय यात्रियों द्वारा दिये गये विवरण इत्यादि महत्वपूर्ण हैं।
डी के भाट धर्म परिवर्तन करना- चतुर चालाक इंसान लोगो ने पाया कि बालक में को सबसे ज्यादा सुख संभोग क्रिया से मिलता हैं और १८-२१ का कानून ओर ३१-३५ और तो और ब्रह्मचारी बनाकर इस सुख से वंचित कर दिया गया । दूसरा सुख चिकन बिरयानी पार्टी है , ऐसा कामता प्रसाद धूर्त ने बताया तो ब्राह्मणों को मांसाहार निषेध करवा दिया गया । मनुष्य की नारी प्रजाति को सबसे ज्यादा तकलीफ पत्थर के सामने नाचने मनोकामना मांगने और लौटने में होती है और नर समाज के लिए सबसे बड़ा कलंक तिहाड़ में यातना है । यही कारण है कि पत्रिका जगदलपुर ब्यूरो के बादल देवांगन की पगली संगीता ( चूत बढ़िया ✓ छेदे ४✓ पुदी✓बांगा✓गांड़✓स्क्रू X २✓) ने ०८ से २० नवंबर २०२० तक "वोलवेशिक क्रांति खूनी पखवाड़ा" छापने के लिए वन में आर्मी को इस साल फिर की से २२ से २४ जून तक कालकोठरी मे सड़ाने क प्रबंध किया है । › इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से सर्व साधारण को सूचित किया जाता हैं कि नक्सली दमन विरोधी सप्ताह आलरेडी ०६ से १२ मई और जून २०२० तक लॉकडाउन में मना...
 
इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से सर्व साधारण को सूचित किया जाता हैं कि नक्सली दमन विरोधी सप्ताह आलरेडी ०६ से १२ मई और जून २०२० तक लॉकडाउन में मना...
* बिहार का मध्यकालीन युग १२वीं शताब्दी से प्रारम्भ माना जा सकता है।
30 comments:
 
* [[विद्यापति]] का रचित ग्रन्थ [[कीर्तिलता]] के अनुसार कर्नाट वंशीय शासक हरिसिंह के पश्‍चात मिथिला में राजनीतिक अराजकता का माहौल था।
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* मुस्लिम आक्रमण से पूर्व बिहार दो राजनीतिक क्षेत्रीय भाग में विभक्‍त था- दक्षिण बिहार का क्षेत्रीय भाग और उत्तर बिहार का क्षेत्रीय भाग।
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दक्षिण बिहार का क्षेत्रीय भाग-यह भाग दक्षिण बिहार का क्षेत्र था। जिसमें मगधराज्य मुख्य था।
 
उत्तर बिहार का क्षेत्रीय भाग-यह भाग उत्तर बिहार का था जो तिरहुत क्षेत्र में पड़ता था जिसमें [[मिथिला]] राज्य प्रमुख था।
Naya raj avn rajaon ka uday
Earthraj chauhan was delhi of king ,her time their past-moment and many typs kingdom,for example harsbardhan sultan muhammed as king & queen
 
दोनों क्षेत्रीय भाग में कोई मजबूत शासक नहीं था। और सभी क्षेत्रो में छोटे-छोटे राजा/सामन्त स्वतन्त्र सत्ता स्थापित कर चुके थे। पाल वंशीय शासन व्यवस्था भी धीरे-धीरे बिहार में कमजोर होती जा रही थी। वे बंगाल तक ही सीमित हो चुके थे।
 
== पाल वंश ==