"बिरसा मुंडा": अवतरणों में अंतर

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== आरंभिक जीवन ==
इसकाइसनका जन्म मुंडा जनजाति के गरीब परिवार में पिता-सुगना पुर्ती(मुंडा) और माता-करमी पुर्ती(मुंडाईन) के सुपुत्र बिरसा पुर्ती (मुंडा) का जन्म 15 नवम्बर १८७५ को झारखण्ड के राँची के खूंटी जिले के उलीहातू गाँव में हुआ था। साल्गा गाँव में प्रारम्भिक पढाई के बाद वे चाईबासा जी0ई0एल0चार्च(गोस्नर एवंजिलकल लुथार) विधालय में पढ़ाई किया था। इनका मन हमेशा अपने समाज की यूनाइटेड किंगडम|ब्रिटिश शासकों द्वारा की गयी बुरी दशा पर सोचता रहता था। उन्होंने मुण्डा|मुंडा लोगों को अंग्रेजों से मुक्ति पाने के लिये अपना नेतृत्व प्रदान किया। १८९४ में मानसून के छोटा नागपुर पठार|छोटानागपुर में असफल होने के कारण भयंकर अकाल और महामारी फैली हुई थी। बिरसा ने पूरे मनोयोग से अपने लोगों की सेवा की। आर्थत आंधविशवस जैसे भूत प्रेत डाईन प्रथा से दुर करने के लिय लोंगों को प्रेरित किया करते थे ।<ref>{{Cite web|url=https://www.jagran.com/jharkhand/ranchi-jharkhand-remember-birsa-munda-on-his-death-anniversary-today-20369699.html|title=Birsa Munda: आज भगवान बिरसा मुंडा को याद कर रहा झारखंड, समाधि स्‍थल पर लोगों ने दी श्रद्धांजलि|website=Dainik Jagran|language=hi|access-date=2020-06-09}}</ref>
 
== मुंडा विद्रोह का नेतृत्‍व ==