"अशोक के अभिलेख": अवतरणों में अंतर
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→बौद्ध धर्म को अपनाने का वर्णन: देवानम पियदस्सी असोक का अर्थ देवताओं के प्रिय राजा असोक नहीं बल्कि बुद्ध देव के प्रिय राजा असोक होता है। देवताओं के प्रिय असोक यह एक गलत व्याख्या है । सन्दर्भ : बौद्धदर्शन के महान जानकर डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद सिंह , सासाराम, बिहार टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
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=== बौद्ध धर्म को अपनाने का वर्णन ===
सम्राट बताते हैं कि कलिंग को २६४ ईसापूर्व में पराजित करने के बाद उन्होंने पछतावे में बौद्ध धर्म अपनाया:
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बौद्ध बनाने के बाद अशोक ने [[भारत]]-भर में बौद्ध धार्मिक स्थलों पर यात्रा करी और उन स्थानों पर अक्सर शिलालेख वाले स्तम्भ लगवाए:
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