"धनानंद": अवतरणों में अंतर

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:(7) दशसिद्धक
:(8) कैवर्त और
:(9) घनानंद
:(9) घनानंद [[सम्राट चन्द्रवर्धन मौर्य]] की नाजायज औलाद था
:(१०)चंद्रगुप्त(मौर्य वंश)
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चंद्र नन्द जोकि महान सम्राट महाराजा महापद्मनंद के दसवें पुत्र थे जिनकी मा मुरा महापद्मनंद की दूसरी पत्नी थी आगे जाके चंद्रनन्द चंद्रगुप्त मौर्य हो गया चंद्रनन्द के नाम से नन्द हटा कर चाणक्य जिसका दूसरा नाम विष्नु गुप्त का गुप्त जोड़ कर चंद्रगुप्त किया और चंद्रगुप्त की माँ के नाम मुरा के बदले मौर्य रखा आगे जाके अपने सौतेले भाई घनानंद को जो एक बुरा शासक था उसे मार कर मौर्य वंश की नीव रखी गयी ।
 
इनमें से घनानंद नौवां पुत्र था। जो नंदवंश का आगे चलकर उत्तराधिकारी बना।
धनाानन्द महान सम्राट [[सम्राट चन्द्रवर्धन मौर्य]] की नाजायज औलाद था जिनकी मा दासी मालावती थी आगे जाके धनानन्द अत्याचारी हो गया। [[चन्द्रगुप्त मौर्य]] ने घनानंद को जो एक बुरा शासक था उसे मार कर मौर्य वंश की नीव रखी गयी ।
 
अलग-अलग इतिहास कार अपने अपने पृथक तर्क से इनके शासन व सुशासन काल कोका क्रूरतापूर्णवर्णन बतलातेकरते है नन्दवंश न्याय (नाई) अत्याचारी महापद्मनंद शासक द्वारा स्थापित राजवंश था।
 
अलग-अलग इतिहास कार अपने अपने पृथक तर्क से इनके शासन काल को क्रूरतापूर्ण बतलाते है नन्दवंश (नाई) अत्याचारी महापद्मनंद शासक द्वारा स्थापित राजवंश था।
 
बौद्ध धर्म अपनी चरम सीमा मे था, अत: बहुत सी किताबों मे घनानन्द एक स्वतंत्र व आधुनिक बौध धर्म से प्रेरित बताया गया है॥