"आधुनिक हिंदी गद्य का इतिहास": अवतरणों में अंतर

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हिंदी गद्य के आरंभ के संबंध में विद्वान एकमत नहीं है। कुछ 10वीं शताब्दी मांनते हैं कुछ 11 वीं शताब्दी,कुछ 13 शताब्दी। राजस्थानी एवं ब्रज भाषा में हमें गद्य के प्राचीनतम प्रयोग मिलते हैं। राजस्थानी गद्य की समय सीमा 11वीं शताब्दी से 14वीं शताब्दी तथा ब्रज गद्य की सीमा 14वीं शताब्दी से 16वीं शताब्दी तक मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि 10वीं शताब्दी से 13वीं शताब्दी के मध्य ही हिंदी गद्य की शुरुआत हुई थी।खड़ी बोली के प्रथम दर्शन अकबर के दरबारी कवि गंग द्वारा रचित चंद छंद बरनन की महिमा में होते हैं अध्ययन की दृष्टि से हिंदी गद्य साहित्य के विकास को it इस प्रकार विभाजित किया जा सकता है।
हिन्दी गद्य के विकास को विभिन्न सोपानों में विभक्त किया जा सकता है-
:* (1) पूर्व भारतेंदु युग(प्राचीन युग): 13 वी सदी से 1868 ईस्वी तक.
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:* (3) द्विवेदी युग: 1900 ईस्वी से 1922 ईस्वी तक.
:* (4) शुक्ल युग(छायावादी युग): 1922 ईस्वी से 1938 ईस्वी तक
:* (5) शुक्लोत्तर युग(छायावादोत्तर युग): 1938 ईस्वी से अब तक।
 
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