"राजा गर्दभिल्ल": अवतरणों में अंतर
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<ref>{{Cite book|title=विक्रमादित्य: संवत्-प्रवर्तक.|last=|first=|publisher=Caukhambā Vidyābhavana.|year=1960|isbn=|location=|pages=68-70.}}</ref>
राजा गर्दभिल्ल को कलकाचर्या नामक [[साधु]] की [[बहन]] सरस्वती से प्रेम था , साधु के खिलाफ जाकर उन्होंने सरस्वती का अपहरण कर लिया , इस पर उस साधु ने [[स्किथी]]/ स्किथियन राजा से सहयोग मांगा , लेकिन राजा गर्दभिल्ल से युद्ध करने की हिम्मत उस राजा में नहीं थी <ref><nowiki>{{</nowiki>https://books.google.co.in/books?id=LlqOvvJJnugC&lpg=PA73&dq=gardabhilla&hl=hi&pg=PA73#v=onepage&q=gardabhilla&f=false {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20160304094352/https://books.google.co.in/books?id=LlqOvvJJnugC#v=onepage&q=gardabhilla&f=false |date=4 मार्च 2016 }}]]</ref> , तब साधु ने [[शक| शकों]] से सहायता मांगी , शक और गर्दभिल्ल की सेना में भयानक युद्ध हुआ , और गर्दभिल्ल युद्ध हार गए , लेकिन उनके वंशज सम्राट [[विक्रमादित्य]] ने पुनः शकों को पराजित कर उज्जैन पर पुनः अधिकार कर लिया ,राजा गर्दभिल्ल
== इन्हें देखे ==
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