भारत की प्रथम महिला शिक्षिका राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले जयंती पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ लड़कियों के लिए भारत में पहली बार विद्यालय खोलने वाली राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले को मेरी ओर से महान-महान सलाम है। *(3 जनवरी 1831 – 10 मार्च 1897)* *भारत की प्रथम महिला प्राचार्या , समाज सुधारिका एवं मराठी कवियत्री थीं।* *उन्होंने अपने पति ज्योतिराव गोविंदराव फुले के साथ मिलकर स्त्री अधिकारों एवं शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए।* *तथागत महामानव गौतम बुद्ध के धम्म मार्ग को आगे...
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07:54, 3 जनवरी 2021 का अवतरण

भारत की प्रथम महिला शिक्षिका राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले जयंती पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ

लड़कियों के लिए भारत में पहली बार विद्यालय खोलने वाली राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले को मेरी ओर से महान-महान सलाम है।

*(3 जनवरी 1831 – 10 मार्च 1897)*

  • भारत की प्रथम महिला प्राचार्या , समाज सुधारिका एवं मराठी कवियत्री थीं।*
*उन्होंने अपने पति ज्योतिराव गोविंदराव फुले के साथ मिलकर स्त्री अधिकारों एवं शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए।*
  • तथागत महामानव गौतम बुद्ध के धम्म मार्ग को आगे बढ़ाने के लिए जी जान की बाजी लगा दी।*
*वे प्रथम महिला शिक्षिका थीं। उन्हें आधुनिक मराठी काव्य का अग्रदूत माना जाता है*
*1852 में उन्होंने बालिकाओं के लिए अनेकों विद्यालयो की स्थापना की।*
  • उस समय कितनी मुसीबतों का सामना करते हुए धर्म के ठेकेदारों व अपने ही परिवार के लोगों ने समाज से बाहर कर दिया परंतु शिक्षा का प्रचार प्रसार का मार्ग नहीं छोड़ा।*
  • *इसीलिए बाबा साहब के प्रथम गुरु सावित्रीबाई फुले दंपत्ति, पेरियार रामास्वामी नायकर को आदर्श मानते हुए तथागत बुद्ध की शरण में गए।*
  • उनके द्वारा खोले गए कन्या व लडको के विद्यालयों की संख्या निम्न प्रकार है।*
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  • 1 भिड़ेवाड़ा जिला पूना।*
  • 2 हरिजनवाड़ा जिला पूना।*
  • 3 हडपसर, जिला पूना।*
  • 4 ओतूर जिला पूना।*
  • 5 सावड़ जिला पूना।*
  • 6 ऑल हॉट का घर जिला पूना।*
  • 7 नाय गाव तालुका खंडाला जिला सतारा।*
  • 8 शिरवल तालुका खंडाला जिला सतारा।*
  • 9 तालेगांव धमधेरे जिला पुना।*
  • 10 शिरवर जिला पूना।*
  • 11 आजीरवाडी माजगांव सातारा।*
  • 12 करंजे कस्वा जिला सातारा।*
  • 13 भिगार सातारा।*
  • 14 मुंडले जिला पूना।*
  • 15 अप्पा साहब चिपलुणकर हवेली पूना।*
  • 16 नाना पेठ पूना।*
  • 17 रास्ता पेठ पूना।*
  • 18 बेताल पेठ पूना।*
  • ये स्कूल 1/1/ 1848 से लेकर1853 के मध्य खोले गए।*
  • फुले दंपत्ति ने एक विधवा माता का बच्चा गोद लिया उसका नाम यशवंत रखा।उसको पढ़ा लिखा कर डॉक्टर बनाया और उस डॉ पुत्र की उस समय अंतर्जातीय शादी थी।*
  • 1897 ईस्वी में महाराष्ट्र में ताउन्न (प्लेग) की बीमारी फैली लोग गांव छोड़कर जंगलों में चले गए मरीजों को उठाकर* *सावित्रीबाई लाती और अपने पुत्र यशवंत के अस्पताल में उनका इलाज करवाती।*
  • एक अछूत बालक प्लेग के रोग से तड़प रहा था। सावित्री बाई फूले उस बालक को उठा कर कंधे पर आ रही थी।वो भी प्लेग की शिकार हो गई और उनकी मृत्यु10 मार्च 1897 में हो गई।*
 *इस प्रकार नारी समाज को धर्म की गंदगी से उठाकर नया जीवन देने वाली महान नारी का अंत हुआ आज घर-घर में लड़कियां पढ़ी लिखी मिलती है यह फुले दंपत्ति की ही देन है।*
  • आओ सब मिलकर सम्यक संकल्प लें की माता सावित्रीबाई फुले के जन्म दिवस के मौके पर गरीब शोषित सर्व समाज के बच्चों के बीच जाकर शिक्षा का प्रचार प्रसार करें।*