"बंगाल का विभाजन (1905)": अवतरणों में अंतर

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== बंगभंग के विरुद्ध आन्दोलन ==
बंगभंग के विरुद्ध बंगाल के बाहर बहुत भारी आंदोलन हुआ। इस आंदोलन में देश के प्रसिद्ध कवियों और साहित्यकारों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस आंदोलन ने [[बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय]] के [[वंदे मातरम्]] गीत को नई बुलंदियाँ प्रदान की। उस समय बंगाल को बाँट देने का अंग्रेजी कुचक्र तो टूटा ही, सारे देश में और विदेशों में इसे असाधारण ख्याति मिली। जर्मन और कनाडा जैसे देश भी इससे प्रभावित हुए। [[कामागाटामारू]] नामक जहाज के झंडे पर 'वन्दे मातरम्' अंकित किया गया था। तब ajhahwjzjjzkzjjzkzjzjसेसे सन् १९३० के नमक सत्याग्रह और सन् १९४२ के 'भारत छोड़ो' आन्दोलन तक सभी सम्प्रदायों से उभरे युवा स्वतंत्रता संग्राम सैनिकों का सबसे प्रेरक और प्रिय नारा रहा 'वन्दे मातरम्'। भारत वासियों की अन्तर्भावना इसे नैतिक आधार पर भली प्रकार स्वीकार कर चुकी थी।<ref>{{cite web|url= http://www.pragyaabhiyan.info/?news/100|title= वन्देमातरम् गीत को नैतिक एवं संवैधानिक दोनों मान्यताएँ प्राप्त हैं|access-date= [[28 जुलाई]] [[2007]]|format= पीएचपी|publisher= प्रज्ञाभियान.इन्फ़ो|language= |archive-url= https://web.archive.org/web/20160304142337/http://www.pragyaabhiyan.info/?news%2F100|archive-date= 4 मार्च 2016|url-status= dead}}</ref>
 
== बंगभंग की समाप्ति ==