"रामानन्द": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
रोहित साव27 (वार्ता | योगदान) |
No edit summary टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 1:
'''स्वामी रामानंद''' को मध्यकालीन भक्ति आंदोलन का महान संत माना जाता है। उन्होंने रामभक्ति की धारा को समाज के प्रत्येक वर्ग तक पहुंचाया। वे पहले ऐसे आचार्य हुए जिन्होंने उत्तर भारत में भक्ति का प्रचार किया। उनके बारे में प्रचलित कहावत है कि - '''द्वविड़ भक्ति उपजौ-लायो रामानंद।''' यानि उत्तर भारत में भक्ति का प्रचार करने का श्रेय [[स्वामी रामानन्दाचार्य|स्वामी रामानंद]] को जाता है। स्वामी जी ने [[बैरागी वैष्णव ब्राह्मण|बैरागी सम्प्रदाय]] की स्थापना की, जिसेे [[रामानंदी संप्रदाय|रामानन्दी सम्प्रदाय]] के नाम से भी जाना जाता है।
[[चित्र:Swami_Ramanand.jpg|अंगूठाकार|श्री स्वामी रामानन्दाचार्य की प्रतिमा, उज्जैन।]]
== आरंभिक जीवन==
|