"छायावाद": अवतरणों में अंतर

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=== राष्ट्रीय / सांस्कृतिक जागरण ===
छायावादी कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से अपने राष्ट्रप्रेम को अभिव्अभिव्यक्त किया है। इस युग में वीरों को उत्साहित करने वाली कविताएँ लिखी गईं। देश के वीरों को संबोधित करते हुए जयशंकर प्रसाद लिखते है़ं-
 
'हिमाद्रि तुंग श्रृंग से