"इस्लाम की आलोचना": अवतरणों में अंतर

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'''[[इस्लाम]]''' के जन्म से ही उसकी आलोचना होती रही है। सबसे पहले सन् १००० ई से भी पहले [[ईसाई|ईसाइयों]] के द्वारा इसकी आलोचना शुरू हुई। वे इस्लाम को इसाईयत का एक परिवर्तित रूप या नया सम्प्रदाय (heresy) के रूप में मानते थे।[1] बाद में मुस्लिम-विश्व से भी आलोचना के स्वर निकलने लगे और साथ ही साथ [[यहूदी]] लेखक एवं [[चर्च]] से जुड़े इसाई (ecclesiastical Christians) इसकी आलोचना करते पाये गये।[2][3][4] आधुनिक काल में [[हिन्दू]], [[सिख]], [[जैन]], [[नास्तिक]] तथा इस्लाम के अन्दर और बाहर के लोग विविध मुद्दों को लेकर इसकी आलोचना करते हैं।