"चित्तौड़गढ़ दुर्ग": अवतरणों में अंतर

छो →‎ऐतिहासिकता तथा निर्माण: दुर्ग कहां स्थित है -    चित्तौड़गढ़, राजस्थान (भारत) कब हुआ निर्माण -   करीब 7वीं शताब्दी में किसने करवाया निर्माण -  मौर्य शासकों द्धारा
छो चित्तौड़गढ़ दुर्ग का इतिहास:- चित्तौड़गढ़ दुर्ग में तीन साकै1303, 1534, 1567-68 में हुए हैं । जयमल की हवेली चित्तौड़गढ़ दुर्ग में है इस हवेली का निर्माण महाराजा उदयसिंह के काल में हुआ । चित्तौड़गढ़ दुर्ग के प्रथम दरवाजे का नाम पाण्डुपोल, दूसरा द्वार भैरवपोल, तीसरा द्वार गणेशपोल चौथा द्वार लक्ष्मणपोल, पाँचवा द्वार जोड़न पोल, छठा द्वार त्रिपोलिया तथा सातवां द्वार रामपोल है । भैरव पोल के पास ही वीर कल्ला राठौड़ की छतरी स्थित है इस दुर्ग में विष्णु के वराह अवतार का कुम्भश्याम मंदिर है इसका न...
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==चित्तौड़गढ़ दुर्ग का इतिहास:-==
==सन्दर्भ==
[https://toprajasthani.com/?amp=1&s=%E0%A4%9A%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A5%8C%E0%A4%A1%E0%A4%BC%E0%A4%97%E0%A4%A2%E0%A4%BC+%E0%A4%A6%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%97 चित्तौड़गढ़] दुर्ग में तीन साकै1303, 1534, 1567-68 में हुए हैं ।
 
जयमल की हवेली चित्तौड़गढ़ दुर्ग में है इस हवेली का निर्माण महाराजा उदयसिंह के काल में हुआ ।
 
चित्तौड़गढ़ दुर्ग के प्रथम दरवाजे का नाम पाण्डुपोल, दूसरा द्वार भैरवपोल, तीसरा द्वार गणेशपोल चौथा द्वार लक्ष्मणपोल, पाँचवा द्वार जोड़न पोल, छठा द्वार त्रिपोलिया तथा सातवां द्वार रामपोल है ।
 
भैरव पोल के पास ही वीर कल्ला राठौड़ की छतरी स्थित है
 
इस दुर्ग में विष्णु के वराह अवतार का कुम्भश्याम मंदिर है इसका निर्माण महाराणा कुम्भा ने किया है ।
 
चित्तौड़गढ़ दुर्ग मे विजय स्तम्भ, कुम्भ स्वामी मंदिर, कुम्भा के महल, श्रृंगार चंवरी का मंदिर, चार दिवारी सात द्वार का निर्माण महाराणा कुम्भा ने करवाया ।े पास ही वीर कल्ला राठौड़ की छतरी स्थित है
 
इस दुर्ग में विष्णु के वराह अवतार का कुम्भश्याम मंदिर है इसका निर्माण महाराणा कुम्भा ने किया है ।
 
चित्तौड़गढ़ दुर्ग मे विजय स्तम्भ, कुम्भ स्वामी मंदिर, कुम्भा के महल, श्रृंगार चंवरी का मंदिर, चार दिवारी सात द्वार का निर्माण महाराणा कुम्भा ने करवाया ।
 
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