"रमज़ान": अवतरणों में अंतर
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JamesJohn82 (वार्ता | योगदान) |
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* मोहम्मद सल्ल ने फरमाया है जो शख्स नमाज के रोजे ईमान और एहतेसाब (अपने जायजे के साथ) रखे उसके सब पिछले गुनाह माफ कर दिए जाएँगे। रोजा हमें जब्ते नफ्स (खुद पर काबू रखने) की तरबियत देता है। हममें परहेजगारी पैदा करता है। लेकिन अब जैसे ही माहे रमजान आने वाला होता है, लोगों के जहन में तरह-तरह के चटपटे और मजेदार खाने का तसव्वुर आ जाता है।
;क्या हैं
सूर्योदय से पहले कुछ खान पान कर लेते हैं, खजूर या अन्य मनपसंद चीज खाई जाती है जिसे सहरी कहा जाता है. वहीं, इफ़तार सूर्य अस्त होने के बाद इफ्तार किया जाता है. <ref>{{cite news |title=Significance Of Sehri And Irtaar : क्या हैं सहरी और इफ्तार जो रोजे में करते हैं मुसलमान |url=https://independentnews.in/ramadan-2020-roza-time-quotes-images-message/ |accessdate=23 अप्रैल 2020 |agency=Independent News}}</ref>
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