"आना सागर झील": अवतरणों में अंतर

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==इतिहास==
आनासागर झील व अजमेर नगर का निर्माण [[पृथ्वीराज चौहान]] के पितामह अरुणोराज या आणाजी चौहान ने बारहवीं शताब्दी के मध्य (1135-1150 ईस्वी) करवाया था। आणाजी द्वारा निर्मित करवाये जाने के कारण ही इस झील का नामकरण ''आणा सागर'' या ''आना सागर'' प्रचलित माना जाता है।
अपने प्रसिद्ध ग्रंथ हिंदी साहित्य का इतिहास में आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने लिखा है
"अजय देव के पुत्र अर्णोराज के समय में मुसलमानों की सेना फिर पुष्कर की घाटी लांघ कर उस स्थान पर जा पहुंची जहां अब आनासागर है।अर्णोराज ने उस सेना का संहार कर बड़ी भारी विजय प्राप्त की। वहां मलेच्छ मुसलमानों का रक्त गिरा था इससे उस स्थान को अपवित्र मानकर वहां अर्णोराज ने एक बड़ा तालाब बनवा दिया जो आनासागर कहलाया।"
 
==निर्माण==