"बलोच लोग": अवतरणों में अंतर
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* '''बंगुलज़ई''' ({{Nastaliq|ur|بنگلزی}}): यह एक ब्राहुई-भाषी क़बीला है और बलोचिस्तान के बड़े क़बीलों में गिना जाता है।
* '''मज़ारी''' ({{Nastaliq|ur|مزاری}}): यह बलोचिस्तान का बहुत ही प्राचीन क़बीला माना जाता है। "मज़ारी" शब्द का अर्थ बलोची भाषा में "सिंह" होता है। इनका क्षेत्र पंजाब प्रान्त में राजनपुर ज़िला है जो बलोचिस्तान की सीमा पर पड़ता है।
*'''जट''' ({{Nastaliq|ur|جٹ}}):पंजाब (पश्चमी पंजाब), सिंध, बलूचिस्तान में बसा हुआ एक जट बलोच क़बीला। इनमें से बहुत अब सिन्धी, पंजाबी, बलूच और सिराइकी भाषाएँ बोलते हैं।▼
* '''नुत्कानी''' ({{Nastaliq|ur|نتكانى}}): यह बलोच क़बीला सदियों पहले बलोचिस्तान से चलकर पंजाब से आ बसा।
* '''लग़ारी''' ({{Nastaliq|ur|لغاري}}): पंजाब और सिंध में बसा हुआ एक बलोच क़बीला। इनमें से बहुत अब सिन्धी, पंजाबी और सिराइकी भाषाएँ बोलते हैं, लेकिन फिर भी अपनी बलोच पहचान बनाए हुए हैं।
▲*'''जट''' ({{Nastaliq|ur|جٹ}}):पंजाब (पश्चमी पंजाब), सिंध, बलूचिस्तान में बसा हुआ एक जट बलोच क़बीला। इनमें से बहुत अब सिन्धी, पंजाबी, बलूच और सिराइकी भाषाएँ बोलते हैं।
== रीति रिवाज ==
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