"खुजली": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
छो 2409:4043:230E:3DE3:0:0:2120:48AD (Talk) के संपादनों को हटाकर रोहित साव27 के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया टैग: वापस लिया SWViewer [1.4] |
टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit |
||
पंक्ति 1:
खुजली होने का कारण और त्वचा रोग/स्किन डिसीज का आयुर्वेदिक उपाय क्या है?..
सुबह की धूप में बैठकर पूरे शरीर में अमृतम स्किन की ऑयल अच्छी तरह लगाकर एक घण्टे बाद गुनगुने जल में सेंधा नमक डालकर से स्नान करें…
दिन में दो बार दूध या जल से स्किन की माल्ट का सेवन करें।
एक बात ध्यान रखें कि आजकल के दूषित खानपान की वजह से आमतौर पर सभी स्त्री-पुरुष, बच्चों-बुजुर्गों के उदर में कीड़े या सूक्ष्म कृमि पाए जाते हैं, जिससे शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता या इम्युनिटी पावर क्षीण होती जा रही है।
पेट में कीड़े होने के कारण अनेकों बीमारियां तुरत पकड़ लेती हैं। जल्दी-जल्दी बुखार आना, कब्जियत बनी रहने, सिरदर्द होना, शरीर में चकत्ते पड़ना, खुजली होना, देह में कीड़े से काटना आदि अनेक विकार उदर कृमि होने से पनपते हैं।
आयुर्वेदिक उपचार…
कोई भी व्यक्ति व्याधि युक्त हो या न हो, उसे महीने में चार बार सुबह की घाम में स्किन की तेल सम्पूर्ण तन में सिर से पैर के तलुओं तक लगाकर एक घण्टे बाद नहाना चाहिए।
सामान्य तौर पर स्किन की माल्ट का सेवन निरन्तर करते रहने से कभी भी पेट में होने वाले कीड़े बचेंगे नहीं। अतः हमेशा स्वस्थ्य-तन्दरुस्त रहने के लिए स्किन की माल्ट एवं स्किन की ऑयल का नियमित उपयोग करते रहें।
[[चित्र:Itch 01.JPG|right|thumb|300px|पीठ पर खुजलाने की कोशिश करता एक व्यक्ति]]
'''खुजली''' [[त्वचा]] पर होने वाला अप्रिय अनुभूति (सेंसेसन) है जिसमें उस स्थान को बार-बार खुरचने का जी करता है।
|