"अलीगढ़": अवतरणों में अंतर
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== इतिहास ==
एतिहासिक दृष्टि से देखा जाय तो अलीगढ़ (कोल) एक अत्यधिक प्राचीन स्थल है। [[महाभारत]] के एक समीक्षाकार के अनुसार अनुमानतः पाँच हजार वर्ष पूर्व कोई कौशिरिव-कौशल नामक चन्द्रवंशी राजा यहाँ राज्य करता था और तब उसकी इस राजधानी का नाम कौशाम्बी था।{{cn|date=अप्रैल 2020}} बाल्मीकि [[रामायण]] में भी इसका उल्लेख पाया जाता है।{{cn|date=अप्रैल 2020}} तदोपरान्त कौशरिव को पराजित कर कोल नामक एक दैत्यराज यहाँ का
पौराणिक कथाओं में यह भी कहा जाता है कि इस क्षेत्र में कभी कोही नाम के ऋषि रहते थे जिनके आश्रम का नाम कोहिला आश्रम था। कलान्तर में यही कोहिला कोल हो गया। कथा यह भी है कि कोहिलाश्रम और मथुरा के मध्य महर्षि विश्वामित्र का भी आश्रम था। वर्तमान अलीगढ़ जनपद में स्थित वेसवा नाम का कस्बा जहाँ प्राचीन ऐतिहासिक सरोवर धरणीधर है उसी विश्वामित्र आश्रम का अवशेष स्मृति चिन्ह है। अलीगढ़ ब्रजमण्डल के किनारे अर्थात कोर पर स्थित होने से कुछ इतिहासकारों का यह भी मत है कि इस कोर शब्द को ही कलान्तर में कोल कहा जाने लगा। महाभारत काल के पश्चात शनैः-शनैः जब इस क्षेत्र के शासकों के छोटे-छोटे राज्य स्थापित हुए तो उनमें राजपूत, नन्द,, मौर्य, शुग, शक, कुषाण, नाम, गुप्त, तथा वर्धन वंश के सम्राटों का यत्र तत्र अधिपत्य होता रहा। {{cn|date=अप्रैल 2020}}.
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