"रबारी": अवतरणों में अंतर

बाबा श्री गोरख नाथ अवतारी सिद्ध सिरोमणि बाबा मस्तनाथ जी का लालन पालन (बचपन )सबला रबारी के घर हुआ. इसी कारण सिद्ध सिरोमणि बाबा मस्तनाथ जी रबारी जाति के इष्टदेव है.
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[[File:Karmi Rabari.jpg|thumb|गुजरात की एक रैबारी औरत]]
मुख्य रूप से यह जाती रबारी, रैबारी राईका, गोपालक एव देवासी के नाम से जानेवाली यह एक अति प्राचीन जाती है। खेती और पशुपालन भारतीय लोगो का मुख्य व्यवसाय रहा है। इस जाती के लोग भी इसी व्यवसाई से जुड़े हुए लोग है। ''रैबारी'''उत्तर भारत की एक प्रमुख एव प्राचीन जनजाति है।भाट,चारण और वहीवंचाओ के ग्रंथो के आधार पर, मूल पुरुष को 12 लडकीयां हुई और वो 12 लडकीयां का ब्याह 12 क्षत्रिय कुल के पुरुषो साथ कीया गया! जो हिमालय केहिमालयके नियम बहार थे, सोलाह की जो वंसज हुए वो रबारी और बाद मे रबारी का अपभ्रंश होने से रेबारी के नाम से पहचानने लगे,बाद मे सोलाह की जो संतति जिनकी बादबढा रबारीरेबारी जाति अनेक शाखाओँ (गोत्र) मेँ बंट गयी। वर्तमान मेँ 133 गोत्र या शाखा उभर के सामने आयी है जिसे विसोतर के नाम से भी जाना जाता है ।
बाबा श्री गोरख नाथ अवतारी सिद्ध सिरोमणि बाबा मस्तनाथ जी का लालन पालन (बचपन )सबला रबारी के घर हुआ. इसी कारण सिद्ध सिरोमणि बाबा मस्तनाथ जी रबारी जाति के इष्टदेव है.
 
== निवास क्षेत्र ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/रबारी" से प्राप्त