"जहानाबाद जिला": अवतरणों में अंतर

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'''जहानाबाद ज़िला''' [[भारत]] के [[बिहार]] राज्य में एगो ज़िला हे। ज़िला के मुख्यालय [[जहानाबाद]] हे।<ref>"[https://books.google.com/books?id=dSZ987-0Fb8C Bihar Tourism: Retrospect and Prospect] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20170118113423/https://books.google.com/books?id=dSZ987-0Fb8C |date=18 जनवरी 2017 }}," Udai Prakash Sinha and Swargesh Kumar, Concept Publishing Company, 2012, ISBN 9788180697999</ref><ref>"[https://books.google.com/books?id=MMmNVZ4mP98C Revenue Administration in India: A Case Study of Bihar]," G. P. Singh, Mittal Publications, 1993, ISBN 9788170993810</ref> कुछ समय पहिले तक इ गया जिला के भाग हल।पुराना समय मे विशाल मगध साम्राज्य के अंग हल।मध्यकाल के शुरुआत में भेलावर के वशिष्ठ शर्मन् नाम के ब्राह्मण के अग्रहार के रूप मे इ जिला के बहुत बडा क्षेत्र मिलल हल।बाद में मुस्लिम सेना से भेलावर राज, केयाल राज, पंडुई राज के भीषण संघर्ष होएल।अकबर के काल मे इ पुरा क्षेत्र मुगल सत्ता के अधीन आ गेल तथा भेलावर, केयाल आउ पंडुइ पर कुछ कर लगा के मुगल सत्ता के अधीन राजा स्वीकार कर लेल गेल।औरंगजेब के काल मे देकुड बाबा दुधेश्वरनाथ मंदिर के ले के मुगल सेना आउ केयाल - पण्डुई के सम्मिलित सेना के बीच युद्ध भेल।औरंगजेब के महीनों घेराबंदी के बाद भी युद्ध के कोई निष्कर्ष न निकलित देख केयाल के बाबा तिलक चौधरी उर्फ मुबारक चौधरी हिंदु मुस्लिम एकता के दिशा मे इस्लाम स्वीकार के कदम बढौलन।आउ बाद मे जा के बनतारा नाम के गाँव बसएलन।इनकर इ प्रयास के बाद भी औरंगजेब न मानल आउ इ शर्त रखलक कि यदि इ मंदिर के दुआरी रातभर मे पूरुब से पच्छिम घूम जाएत त न तोडम।कहल जा हे कि ओकरा कहिते मंदिर के दुआरी पूरुब से पच्छिम हो गेल।एही घटना के वर्णन स्वरूप मगध भोजपुर मे एगो बडी लोकप्रिय होली गावल जा हे _
देकुड तीरथ अजब बनी जहाँ बाबा दुधेश्वरनाथ।
पूरुब दुअरिया पच्छिम होइ गइले ,
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सत्ती माइ मंदिर लारी,लाल मंदिर जहानावाद,
गायत्री शक्तिपीठ जहानाबाद,बाबा सिद्धनाथ बराबर,वैष्णव मठ कतरासीन।
 
जहानाबाद में ही प्राचीन बराबर पहाड़ बसा है जो कई वर्षों से आस्था और पर्यटन का स्त्रोत रहा है। यहाँ स्थित [https://gangatimes.com/barabar-caves-historical-importane-of-lomas-rishi-ki-gufa-in-barabar-pahad-jehanabad-tourism/ लोमस ऋषि की गुफा] को भी देखने सैंकड़ों लोग हर दिन आते हैं।
 
== इन्हें भी देखें ==