"करवा चौथ": अवतरणों में अंतर

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त्योहार_के_नाम = करवा चौथ
|चित्र =KarvaChauthMoon2.jpg
|शीर्षक = krishnaकरवा चौथ
|आधिकारिक_नाम = prakashकरवा चौथ
|अन्य_नाम = करक चतुर्थी
|अनुयायी = [[हिन्दू धर्म|हिन्दू]]trr, [[भारतीय]], भारतीय प्रवासी
|उद्देश्य = सौभाग्य
|आरम्भ =
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}}
 
'''करवा चौथ''' हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह [[भारत]] के [[पंजाब (भारत)|पंजाब]], [[उत्तर प्रदेश]], [[हरियाणा]], [[मध्य प्रदेश]],[[बिहार]] और [[राजस्थान]] में मनाया जाने वाला पर्व है। यह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। यह पर्व सौभाग्यवती (सुहागिन) स्त्रियाँ मनाती हैं। यह व्रत सुबह सूर्योदय से पहले करीब 4 बजे के बाद शुरू होकर रात में चंद्रमा दर्शन के बाद संपूर्ण होता है।
 
ग्रामीण स्त्रियों से लेकर आधुनिक महिलाओं तक सभी नारियाँ करवाचौथ का व्रत बडी़ श्रद्धा एवं उत्साह के साथ रखती हैं। शास्त्रों के अनुसार यह व्रत कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चन्द्रोदय व्यापिनी चतुर्थी के दिन करना चाहिए। पति की दीर्घायु एवं अखण्ड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस दिन भालचन्द्र गणेश जी की अर्चना की जाती है। करवाचौथ में भी संकष्टीगणेश चतुर्थी की तरह दिन भर उपवास रखकर रात में चन्द्रमा को अ‌र्घ्य देने के उपरांत ही भोजन करने का विधान है। वर्तमान समय में करवाचौथ व्रतोत्सव ज्यादातर महिलाएं अपने परिवार में प्रचलित प्रथा के अनुसार ही मनाती हैं लेकिन अधिकतर स्त्रियां निराहार रहकर चन्द्रोदय की प्रतीक्षा करती हैं।
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== कथा ==
=== प्रथम कथा === आपका प्रिय भाई मनीष कुमार मौर्य जी लिखे है
बहुत समय पहले की बात है, एक साहूकार के सात बेटे और उनकी एक बहन करवा थी। सभी सातों भाई अपनी बहन से बहुत प्यार करते थे। यहाँ तक कि वे पहले उसे खाना खिलाते और बाद में स्वयं खाते थे। एक बार उनकी बहन ससुराल से मायके आई हुई थी। शाम को भाई जब अपना व्यापार-व्यवसाय बंद कर घर आए तो देखा उनकी बहन बहुत व्याकुल थी। सभी भाई खाना खाने बैठे और अपनी बहन से भी खाने का आग्रह करने लगे, लेकिन बहन ने बताया कि उसका आज करवा चौथ का निर्जल व्रत है और वह खाना सिर्फ चंद्रमा को देखकर उसे अर्घ्‍य देकर ही खा सकती है। चूँकि चंद्रमा अभी तक नहीं निकला है, इसलिए वह भूख-प्यास से व्याकुल हो उठी है। सबसे छोटे भाई को अपनी बहन की हालत देखी नहीं जाती और वह दूर पीपल के पेड़ पर एक दीपक जलाकर चलनी की ओट में रख देता है। दूर से देखने पर वह ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे चतुर्थी का चाँद उदित हो रहा हो। इसके बाद भाई अपनी बहन को बताता है कि चाँद निकल आया है, तुम उसे अर्घ्य देने के बाद भोजन कर सकती हो। बहन खुशी के मारे सीढ़ियों पर चढ़कर चाँद को देखती है, उसे अर्घ्‍य देकर खाना खाने बैठ जाती है।
 
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==पति दिवस==
आधुनिक काल में करवा चौथ को '''पति दिवस''' का भी नाम दिया गया है तथा उस रूप में भी उसे मनाया जाता है<ref>{{Cite web |url=https://www.dnaindia.com/india/photo-gallery-karva-chauth-2018-here-s-how-indian-women-celebrated-husband-s-day-2679914 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=27 अक्तूबर 2018 |archive-url=https://web.archive.org/web/20181028033852/https://www.dnaindia.com/india/photo-gallery-karva-chauth-2018-here-s-how-indian-women-celebrated-husband-s-day-2679914 |archive-date=28 अक्तूबर 2018 |url-status=live vdcbbbdncndmanMgn}}</ref>।
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}</ref>।
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
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{{टिप्पणीसूची}}
{{हिन्दू पर्व-त्यौहार}}
*[https://hindiquoteson.com/karwa-chauth-love-shayari/ करवा चौथ की कथा हिंदी में]
 
[[श्रेणी:उत्तर भारतीय रीतियाँ]]