"गोवर्धन पूजा": अवतरणों में अंतर
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दीपावली के अगले दिन
जब कृष्ण ने ब्रजवासियों को मूसलधार वर्षा से बचने के लिए सात दिन तक गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उँगली पर उठाकर रखा और गोप-गोपिकाएँ उसकी छाया में सुखपूर्वक रहे। सातवें दिन भगवान ने गोवर्धन को नीचे रखा और हर वर्ष गोवर्धन पूजा करके अन्नकूट उत्सव मनाने की आज्ञा दी। तभी से यह उत्सव अन्नकूट के नाम से मनाया जाने लगा।<ref>{{Cite web|url=https://www.livehindustan.com/astrology/story-govardhan-puja-katha-2019-know-gowardhan-pooja-2019-date-time-shubh-muhurat-puja-vidhi-2820104.html|title=Govardhan Puja Katha 2019: पढें गोवर्धन पूजा कथा, श्रीकृष्ण ने रची थी लीला|website=Hindustan|language=hindi|access-date=2020-11-14}}</ref>
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