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# राजा श्रीगुप्त
# राजा घटोत्कच गुप्त
# सम्राट चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य
# सम्राट समुद्र गुप्त
# राजा कुमार गुप्त
# सम्राट स्कन्द गुप्गुप्त
# सम्राट यशो वर्धन
# सम्राट हर्षवर्धन
# सम्राट हेमू विक्रमादित्य(भारत के आखिरी हिन्दू सम्राट)
# चालुक्य पुलकेशिन-२
# पल्लव नरसिंह वर्मन-१
# सम्राट राजाराज चोल
# सम्राट राजेंद्र चोल
# चालुक्य विक्रमादित्य-६
# जटावर्मन सुन्दर पांडय
# राजा भामाशाह
# नन्दराय जी (श्री कृष्ण जी के पिता)
# वृषभान जी (राधा जी के पिता)
# चंद्रधर सौदागर
# राज कुमार उदयन (उज्जैन)
# सम्राट भृतहरी
# परवर्ती गुप्त राजवंश
# महाराजा आज़मीढ(मैढवंश सुनार)
 
==वैश्यों के लिए प्रयुक्त होने वाले  कुछ नाम==
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=== वैश्य वणिक कुल ===
यह मुख्‍यत: सूर्य और चंद्र वंशों के अलावा ऋषि वंश में विभाजित हैं। इनमें मुख्‍यत: केशरी, कसौधन, महेश्‍वरी, साहूकार (साहू), अग्रवाल, गहोई , बरनवाल, गुप्ता, ओसवाल, पोरवाल, खंडेलवाल, सेठिया, सोनी, आदि का जिक्र होता है।
 
महेश्वरी समाज का संबंध शिव के रूप महेश्वर से है। यह सभी क्षत्रिय कुल से हैं। शापग्रस्त 72 क्षत्रियों के नाम से ही महेश्वरी के कुल गोत्र का नाम चला। माहेश्वरियों के प्रमुख आठ गुरु हैं- 1. पारीक, 2. दाधीच, 3.गुर्जर गौड़, 4.खंडेलवाल, 5.सिखवाल, 6.सारस्वत, 7.पालीवाल और 8.पुष्करणा।
 
ये 72 उप कुल : आगीवाल, अगसूर, अजमेरा, आसावा, अटल, बाहेती, बिरला, बजाज, बदली, बागरी, बलदेवा, बांदर, बंग, बांगड़, भैय्या, भंडारी, भंसाली, भट्टड़, भट्टानी, भूतरा, भूतड़ा, भूतारिया, बिंदाड़ा, बिहानी, बियानी, चाण्‍डक, चौखारा, चेचानी, छपरवाल, चितलंगिया, दाल्या, दलिया, दाद, डागा, दम्माणी, डांगरा, दारक, दरगर, देवपूरा, धूपर, धूत, दूधानी, फलोद, गादिया, गट्टानी, गांधी, गिलदा, गोदानी, हेडा, हुरकत, ईनानी, जाजू, जखोतिया, झंवर, काबरा, कचौलिया, काहल्या, कलानी, कललंत्री, कंकानी, करमानी, करवा, कसत, खटोड़, कोठारी, लड्ढा, लाहोटी, लखोटिया, लोहिया, मालानी, माल, मालपानी, मालू, मंधाना, मंडोवरा, मनियान, मंत्री, मरदा, मारु, मिमानी, मेहता, मेहाता, मुंदड़ा, नागरानी, ननवाधर, नथानी, नवलखाम, नवल या नुवल, न्याती, पचीसिया, परतानी, पलोड़, पटवा, पनपालिया, पेड़ियावाल, परमाल, फूमरा, राठी, साबू, सनवाल, सारड़ा, शाह, सिकाची, सिंघई, सोडानी, सोमानी, सोनी, तपरिया, ताओरी,साहू तेला, तेनानी, थिरानी, तोशनीवाल, तोतला, तुवानी और जवर।
 
खापें का गोत्र कुल : इसके अलावा सोनी (धुम्रांस), सोमानी (लियांस), जाखेटिया (सीलांस), सोढानी (सोढास), हुरकुट (कश्यप), न्याती (नागसैण), हेडा (धनांस), करवा (करवास), कांकाणी (गौतम), मालूदा (खलांस), सारडा (थोम्बरास), काहल्या (कागायंस), गिरडा (गौत्रम), जाजू (वलांस), बाहेती (गौकलांस), बिदादा (गजांस), बिहाणी (वालांस), बजाज (भंसाली), कलंत्री (कश्यप), चावड़ा (चावड़ा माता), कासट (अचलांस), कलाणी (धौलांस), झंवर (धुम्रक्ष), मनमंस (गायल माता), काबरा (अचित्रांस), डाड़ (अमरांस), डागा (राजहंस), गट्टानी (ढालांस), राठी (कपिलांस), बिड़ला (वालांस), दरक (हरिद्रास), तोषनीवाल (कौशिक), अजमेरा (मानांस), भंडारी (कौशिक), भूतड़ा (अचलांस), बंग (सौढ़ास), अटल (गौतम), इन्नाणी (शैषांश), भराडिया (अचित्र), भंसाली (भंसाली), लड्ढा (सीलांस), सिकची (कश्यप), लाहोटी (कांगास), गदहया गोयल (गौरांस), गगराणी (कश्यप), खटोड (मूगांस), लखोटिया (फफडांस), आसवा (बालांस), चेचाणी (सीलांस), मनधन (जेसलाणी, माणधनी माता), मूंधड़ा (गोवांस), चांडक (चंद्रास), बलदेवा (बालांस), बाल्दी (लौरस), बूब (मूसाइंस), बांगड़ (चूडांस), मंडोवर (बछांस), तोतला (कपिलांस), आगीवाल (चंद्रास), आगसूंड (कश्‍यप), परतानी (कश्यप), नावंधर (बुग्दालिभ), नवाल (नानणांस), तापडिया (पीपलांस), मणियार (कौशिक), धूत (फाफडांस), धूपड़ (सिरसेस), मोदाणक्ष (सांडास), देवपुरा (पारस), मंत्री (कंवलांस), पोरवाल/परवाल (नानांस), नौलखा (कश्‍यप गावंस), टावरी (माकरण), दरगढ़ (गोवंस), कालिया (झुमरंस), खावड (मूंगास), लोहिया, रांदड (कश्यप) आदि। इसके अलावा महेश्वरी समाज की और भी खापें और खन्ने हैं जैसे दम्माणी, करनाणी, सुरजन, धूरया, गांधी, राईवाल, कोठारी, मालाणी, मूथा, मोदी, मोह्त्ता, फाफट, ओझा, दायमा आदि। नभागाजी माहेश्वरी वैश्यों के प्राचीन पुरुष हैं।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/वैश्य" से प्राप्त