"ज़": अवतरणों में अंतर
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कश्मीरी को देवनागरी लिपि में लिखने के लिए 'ज़' का भारी प्रयोग किया जाता है। ऐसा ही अन्य [[दार्दी भाषाएँ|दार्दी भाषाओँ]] में भी देखा गया है। मसलन [[शीना भाषा]] में संस्कृत के "द्र" और "भ्र" की जगह अक्सर "ज़" आता है -
* 'ज़ाच' - अर्थ: अंगूर, संस्कृत 'द्राक्ष' इसका मूल है
* 'ज़्रा' या 'ज़ा' - अर्थ:भाई, संस्कृत 'भ्रात' इसका मूल है
[[असमिया भाषा]] में भी [[असमिया लिपि|असमिया अक्षर]]
* 'পূজা' (puza/पुज़ा) - अर्थः 'पूजा'
* 'জীৱন' (ziwôn/ज़िवॉन) - अर्थः 'जीवन'
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