"दैनिक भास्कर": अवतरणों में अंतर
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पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं स्थिति टिक वैसी ही 19 वी सदी में हुआ करती थी। और आज भी वैसी ही है। करती महिलाये हैं। और नाम पुरुषो का होता है। यह स्थिति वाकिय में सोचनीय हैं। हमारे भारत देश में आधे से ज्यादा महिलाये घर सम्भालती हैं। चाहें वो आर्थिक तौर पर हो या घरेलु तोर पर हों और सामाजिक तौर पर भी महिलाये हीं अपनी जिम्मेदारीयो को बड़ी बैखुबी निभाती हैं। पर पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं को हमाशा तानों बानो से दिखाया है। टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
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जालस्थ[[समाचारपत्र]] है। [[भारत]] के 12 राज्यों (व [[केन्द्र-शासित प्रदेश|संघ-क्षेत्रों]]) में इसके 65 संस्करण प्रकाशित हो रहे हैं।<ref>{{cite web |url=http://www.dainikbhaskargroup.com/dainik-bhaskar.php |title=Dainik Bhaskar |trans-title=दैनिक भास्कर |language=अंग्रेज़ी |publisher=दैनिक भास्कर समूह |accessdate=१५ जून २०१५ |archive-url=https://web.archive.org/web/20150711141558/http://www.dainikbhaskargroup.com/dainik-bhaskar.php |archive-date=11 जुलाई 2015 |url-status=dead }}</ref>
== इतिहास ==
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