"नास्तिक दर्शन": अवतरणों में अंतर

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== बौद्ध दर्शन ==
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बौद्ध दर्शन को संसार का सबसे घोर नास्तिक दर्शन या धर्म माना जाता है। बुद्ध के कारण ही दुनिया में ईश्वरवादी धर्मों का प्रचलन बढ़ा और उन्होंने सबसे ज्यादा बौद्ध धर्म को ही नुकसान पहुंचाया। बुतपरस्ती शब्द भगवान बुद्ध की वजह से ही प्रचलन में आया।
 
बौद्ध धर्म ईश्वर के होने या नहीं होने पर चर्चा नहीं करता, क्योंकि यह बुद्धिजाल से ज्यादा कुछ नहीं है। यह अव्याकृत प्रश्न है। उनका मानना है कि इस प्रश्न को आप तर्क या अन्य किसी भी तरह से हल नहीं कर सकते। ईश्वर के होने या नहीं होने की बहस का कोई अंत नहीं। ठीक उसी तरह कि स्वर्ग-नरक है या नहीं? मूल प्रश्न यह है कि व्यक्ति है और वह दुःख तथा बंधन में है। उसके दुःख व बंधन का मूल कारण खोजो और मुक्त हो जाओ। आष्टांगिक मार्ग पर चलकर दुःख व बंधन से मुक्त हुआ जा सकता है। यही आर्य सत्य है।
 
== इन्हें भी देखें ==