"संत तुकाराम": अवतरणों में अंतर

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|name= तुकाराम
|image=Tukaram.jpg
|caption = सन्तसंत तुकाराम
|birth-date= अज्ञात
|birth-place= [[देहू]], [[पुणे]] के निकट, [[भारत]]
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|death-date= [[१६५०|1650]] ईस्वी
|death-place= [[पण्ढरपुरपंढरपुर]], [[महाराष्ट्र]]
|guru= [[बाबाजी चैतन्य]]
|philosophy= [[वारकरी सम्प्रदाय|वारकरी]], [[वैष्णव सम्प्रदाय|वैष्णव संप्रदाय]]
|honors= ''सन्तसंत'' मराठी में जिसका अर्थ है "संत"
|Literary works = [[अभंग]] भक्ति कविता
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'''संत तुकाराम''' ([[१६०८|1608]]-[[१६५०|1650]]), जिन्हें तुकाराम के नाम से भी जाना जाता है सत्रहवीं शताब्दी एक महान सन्तसंत कवि थे।थे जो भारत में लम्बेलंबे समय तक चले [[भक्ति आन्दोलन|भक्ति आंदोलन]] के एक प्रमुख स्तम्भस्तंभ थे।
 
== तुकाराम का जीवन चरित ==
तुकाराम का जन्म [[पुणे]] जिले के अन्तर्गतअंतर्गत देहू नामक ग्राम में शके [[१५२०|1520]]; सन्‌ [[१५९८|1598]] में हुआ। इनकी जन्मतिथि के सम्बन्धसंबंध में विद्वानों में मतभेद है तथा सभी दृष्टियों से विचार करने पर शके [[१५२०|1520]] में जन्म होना ही मान्य प्रतीत होता है। पूर्व के आठवें पुरुष विश्वम्भरविश्वंभर बाबा से इनके कुल में विट्ठल की उपासना बराबर चली आ रही थी। इनके कुल के सभी लोग [[पण्ढरपुरपंढरपुर]] की यात्रा (वारी) के लिये नियमित रूप से जाते थे। देहू गाँव के महाजन होने के कारण वहाँ इनका कुटूम्बकुटूंब प्रतिष्ठित माना जाता था। इनकी बाल्यावस्था माता कनकाई व पिता बहेबा (बोल्होबा) की देखरेख में अत्यन्तअत्यंत दुलार से बीती, किन्तुकिंतु जब ये प्राय: [[१८|18]] वर्ष के थे इनके मातापिता का स्वर्गवास हो गया तथा इसी समय देश में पड़ भीषण अकाल के कारण इनकी प्रथम पत्नी व छोटे बालक की भूख के कारण तड़पते हुए मृत्यु हो गई। विपत्तियों की ये बातें झूटी हैं संत तुकाराम उस जमाने में बहुत बड़े जमीदार और सावकार थे ये झुटे बातेहै ये लिखावटे झूठी है ज्वालाओं में झुलसे हुए तुकाराम का मन प्रपंच से ऊब गया। इनकी दूसरी पत्नी जीजा बाई बड़ी ही कर्कशा थी। ये सांसारिक सुखों से विरक्त हो गए। चित्त को शान्तिशांति मिले, इस विचार से तुकाराम प्रतिदिन देहू गाँव के समीप भावनाथ नामक पहाड़ी पर जाते और भगवान्‌ विट्ठल के नामस्मरण में दिन व्यतीत करते।
 
प्रपन्चपरान्मुखप्रपचपराड्म़ुख हो तन्मयता से परमेश्वर प्राप्ति के लिये उत्कंठित तुकाराम को बाबा जी चैतन्य नामक साधु ने माघ शुद्ध [[१०|10]] शके [[१५४१|1541]] में 'रामकृष्ण हरि' मन्त्रमंत्र का स्वप्न में उपदेश दिया। इसके उपरांत इन्होंने [[१७|17]] वर्ष संसार को समान रूप से उपदेश देने में व्यतीत किए। सच्चे वैराग्य तथा क्षमाशील अन्तअंत:करण के कारण इनकी निन्दानिंदा करनेवाले निन्दकनिंदक भी पश्चताप करते हूए इनके भक्त बन गए। इस प्रकार भगवत धर्म का सबको उपदेश करते व परमार्थ मार्ग को आलोकित करते हुए अधर्म का खण्डनखंडन करनेवाले तुकाराम ने फाल्गुन बदी (कृष्ण) द्वादशी, शके [[१५७१|1571]] को देवविसर्जन किया।
 
तुकाराम के मुख से समय समय पर सहज रूप से परिस्फुटित होनेवाली 'अभंग' वाणी के अतिरिक्त इनकी अन्य कोई विशेष साहित्यिक कृति नहीं है। अपने जीवन के उत्तरार्ध में इनके द्वारा गाए गए तथा उसी क्षण इनके शिष्यों द्वारा लिखे गए लगभग [[४०००|4000]] अभंग आज उपलब्ध हैं।
 
सन्तसंत ज्ञानेश्वर द्वारा लिखी गई 'ज्ञानेश्रवरी' तथा श्री एकनाथ द्वारा लिखित 'एकनाथी भागवत' के बारकरी संप्रदायवालों के प्रमुख धर्मग्रन्थधर्मग्रंथ हैं। इस वांड्मय की छाप तुकाराम के अभंगोंअंभंगों पर दिखलाई पड़ती हैं। तुकाराम ने अपनी साधक अवस्था में इन पूर्वकालीन सन्तोंसंतों के ग्रन्थोंग्रंथों का गहराई तथा श्रद्धा से अध्ययन किया। इन तीनों सन्तसंत कवियों के सहित्य में एक ही आध्यात्म सूत्र पिरोया हुआ है तथा तीनों के पारमार्थिक विचारों का अंतरंग भी एकरूप है। ज्ञानदेव की सुमधुर वाणी काव्यालंकार से मंडित है, एकनाथ की भाषा विस्तृत और रस्प्लावित है पर तुकाराम की वाणी सूत्रबद्ध, अल्पाक्षर, रमणीय तथा मर्मभेदक हैं।
[[चित्र:Birthplace and residence of Sant Tukaram Maharaj, Dehu.jpg|अंगूठाकार|तुकाराम महाराज का जन्मस्थल और वास्तव्यस्थान]]
तुकाराम का अभंग वाड्मय अत्यन्तअत्यंत आत्मपर होने के कारण उसमें उनके पारमार्थिक जीवन का संपूर्ण दर्शन होता है। कौटुंबिक आपत्तियों से त्रस्त एक सामान्य व्यक्ति किस प्रकार आत्मसाक्षात्कारी सन्तसंत बन सका, इसका स्पष्ट रूप उनके अभंगों में दिखलाई पड़ता है। उनमें उनके आध्यात्मिक चरित्र की साकार रूप में तीन अवस्थाएँ दिखलाई पड़ती हैं।
 
प्रथम साधक अवस्था में तुकाराम मन में किए किसी निश्चयानुसार संसार से निवृत तथा परमार्थ की ओर प्रवृत दिखलाई पड़ते हैं।
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संत तुकाराम ने इस बात पर बल दिया है कि सभी मनुष्य परमपिता ईश्वर की संतान हैं और इस कारण समान हैं।
संत तुकाराम द्वारा 'महाराष्ट्र धर्म' का प्रचार हुआ जिसके सिद्धांत भक्ति आंदोलन से प्रभावित थे। महाराष्ट्र धर्म का तत्कालीन सामाजिक विचारधारा पर बहुत गहरा प्रभाव पङा। यद्यपि इसे जाति और वर्णव्यवस्था पर कुठाराघात करने में सफलता प्राप्त नहीं हुई, किंतु इससे इंकार नहीं किया जा सकता है कि समानता के सिद्धांत के प्रतिपादन द्वारा इसके प्रणेता वर्णव्यवस्था को लचीला बनाने में अवश्य सफल हुए। महाराष्ट्र धर्म का उपयोग श्रीमंत छत्रपती शिवाजी महाराज ने सभी वर्ग को एकसूत्र में बाँधने के लिए किया।
 
== संत तुकाराम से संबंधित मराठी भाषा में चयनित पीएच.डी. प्रबंध सूची <ref>{{Cite web|url=https://www.dnyansagar.in/2021/03/Sant-Tukaram.html|title=संत तुकाराम से संबंधित चयनित ग्रंथ, पीएच.डी. डी शोध प्रबंध, फिल्में - वीडियो, सूचना के अन्य स्रोत}}</ref> ==
 
* १. संत तुकाराम आणि महात्मा बसवेश्वर यांच्या भक्तीकाव्याचा तुलनात्मक अभ्यास
* २. श्री संत तुकाराम व्यक्तित्व व कवित्व
* ३ संत तुकाराम : व्यक्ती आणि वाण्ग्मय
* ४ संत तुकाराम महाराजांच्या अभंगातील लोकजीवन संदर्भ आणि चिंतन : एक अभ्यास
* ५ संत तुकाराम महाराजांच्या अभंगातील अनौपचारिक मूल्यशिक्षणाचा अभ्यास
* ६ संत तुकाराम महाराज आणि त्यांची विठ्ठलभक्ती
* ७. संत तुकाराम आणि संत रामदास यांच्या साहित्यातील मुल्यविचारांचाअभ्यास
* ८. संत ज्ञानेश्वर, संत तुकाराम व संत रामदास यांच्यासाहित्यात प्रतिबिंबित झालेले चित्तवृतीनिरोधाचे मार्ग
* ९. संत एकनाथ व संत तुकाराम यांचा अनुबंध : एक अभ्यास
* १०. संत तुकाराम महाराजांचे तत्वज्ञान एक चिकित्सक अभ्यास
* ११. संत तुकारामांच्या गाथेवरील स्वातंत्र्योत्तर  समीक्षेचा अभ्यास
* १२. संत तुकाराम गाथा – लोकतत्वीय अभ्यास
* १३. मराठी साहित्यात प्रतिबिंबित झालेले संत तुकारामांचे व्यक्तिमत्व
* १४. संत साहित्यातील कल्याणाच्या अर्थशास्त्राचा एक तौलनिक अभ्यास : विशेष संदर्भ – संत तुकाराम ,ज्ञानेश्वर, एकनाथ व नामदेव
* १५. संत तुकारामांची गौळण रचना : स्वरूप आणि चिकित्सा
 
== इन्हें भी देखें ==
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== बाहरी कड़ियाँ ==
* [https://marathischool.in/sant-tukaram-information/ संत तुकाराम के बारे में जानकारी, निबंध और अभंग] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20210319155314/https://marathischool.in/sant-tukaram-information/ |date=19 मार्च 2021 }} (मराठी)
* [https://web.archive.org/web/20090816005757/http://www.tukaram.com/hindi/hindi.asp संत तुकाराम का जीवन चरित्र]
* [https://web.archive.org/web/20071205195201/http://www.tukaram.com/ तुकाराम के बारे में जानकारी] (बहुभाषिक विस्तृत जानकारी)
 
संत तुकाराम के बारे में जानकारी मराठी में
* [https://web.archive.org/web/20071201010514/http://mr.wikibooks.org/wiki/%E0%A4%A4%E0%A5%81%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE_%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%A5%E0%A4%BE तुकाराम की गाथा] (मराठी)
* [https://web.archive.org/web/20120320000319/http://www.cfilt.iitb.ac.in/tukaram/page122.html सन्त तुकाराम के अभंग] (DV-TTYogesh फॉण्ट में)