"गीतगोविन्द": अवतरणों में अंतर

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गीतगोविन्द को गीतिकाव्य कहना उचित होगा। गीतगोविन्द में १२ सर्ग हैं। प्रत्येक सर्ग गीतों से ही समन्वित है। गीतगोविन्द में [[श्रीकृष्ण]] की गोपिकाओं के साथ [[रासलीला]], राधाविषाद वर्णन, कृष्ण के लिए व्याकुलता, उपालम्भ वचन, कृष्ण की राधा के लिए उत्कंठा, राधा की सखी द्वारा राधा के विरह संताप का वर्णन है।
==देखिये==
*[[गीत गोविन्दगोविंद]]
 
[[श्रेणी:संस्कृत साहित्य]]