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20 मई 2024

  • अन्तरइतिहास अजमीढ 09:43 −4762401:7a0:3:44b1:19c6:6674:1fcf:36b वार्ता(क्षत्रिय अपनी वंशबेल को भगवान विष्णु से जुड़ा हुआ पाते हैं। कहा गया है कि भगवान विष्णु के नाभि-कमल से ब्रह्माजी की उत्पत्ति हुई। ब्रह्माजी से अत्री और अत्रीजी की शुभ दृष्टि से चंद्र-सोम हुए। चंद्रवंश की 28वीं पीढ़ी में अजमीढ़जी पैदा हुए। महाराजा अजमीढ़जी का जन्म त्रेतायुग के अन्त में हुआ था। मर्यादा पुरुषोत्तम के समकालीन ही नहीं अपितु उनके परम मित्र भी थे। उनके दादा महाराजा श्रीहस्ति थे जिन्होंने प्रसिद्ध ह) टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • अन्तरइतिहास अजमीढ 09:40 +3,9192401:7a0:3:44b1:19c6:6674:1fcf:36b वार्ता(ऐतिहासिक जानकारी जो विभिन्न रुपों में विभिन्न जगहों पर उपलब्ध हुई है उसके आधार पर हम मैढ़ क्षत्रिय अपनी वंशबेल को भगवान विष्णु से जुड़ा हुआ पाते हैं। कहा गया है कि भगवान विष्णु के नाभि-कमल से ब्रह्माजी की उत्पत्ति हुई। ब्रह्माजी से अत्री और अत्रीजी की शुभ दृष्टि से चंद्र-सोम हुए। चंद्रवंश की 28वीं पीढ़ी में अजमीढ़जी पैदा हुए। महाराजा अजमीढ़जी का जन्म त्रेतायुग के अन्त में हुआ था। मर्यादा पुरुषोत्तम के समकालीन ही नहीं अपितु उनके परम मित्र भी थे। उनके दादा महाराजा श्रीहस्ति थे जिन्होंने प्रसिद्ध ह) टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन

19 मई 2024

17 मई 2024

14 मई 2024