यह प्रसिद्ध राजस्थानी लेखक शिवचंद्र भरतिया द्वारा रचित कहानी है, यह 1904ई. में प्रकाशित हुई तथा आधुनिक राजस्थान की प्रथम कहानी कही जाती है।