विसर्पी गणक या स्लाइड रूल (slide rule) एक यांत्रिक एनालॉग कम्प्यूटर है। यह एक यांत्रिक युक्ति है जिसका उपयोग मुख्य रूप से गुणा और भाग करने के लिये किया जाता था/है। इसके अधिक विकसित रूपों में अनेक "वैज्ञानिक फलनों" जैसे वर्गमूल, लघुगणक एवं त्रिकोणमित्तीय फलनों की गणना करने की सुविधा भी प्रदत्त होती थी, किन्तु इसका उपयोग प्राय: जोड़ने और घटाने के लिये नहीं किया जाता था/है क्योंकि ये बहुत आसान क्रियाएँ समझी जातीं हैं।

एक छात्रोपयोगी दस-इंची स्लाइड रूल

जेब-गणकों (पॉकेट कैलकुलेटरों) के आने के पहले स्लाइड रूल विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सर्वाधिक उपयोग में आने वाला उपकरण था। इसका उपयोग १९५० और १९६० के दशक तक वृद्धि पर था। किन्तु सन् १९७४ के आसपास इलेक्ट्रानिक "वैज्ञानिक परिकलकों" के आने से स्लाइड रूल का उपयोग एकाएक बन्द हो गया।

स्लाइड रूल विविध प्रकार के आकार-प्रकार और रंग रूप के बनाये जाते हैं और इनमें एक-दो या बहुत प्रकार की गणना करने की सुविधा दी होती है। किन्तु मोटे तौर पर ये रेखीय या वृत्तीय आकार के होते हैं जिस पर गणना करने में सहायक मानक चिह्न बने होते हैं।

सन् १६०० के दशक में विलियम आट्रेड (William Oughtred) एवं अन्य लोगों ने जॉन नेपियर द्वारा आविष्कृत लघुगणक के आधार पर स्लाइड रूल का विकास किया।

मूल सिद्धान्त

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२ में २ का गुणा करने हेतु एक स्लाइड रूल को स्थित किया गया है।

अपने सरलतम और मूल रूप में स्लाइड रूल में दो पटरियाँ (रूल) होतीं हैं जो एक दूसरे के सापेक्ष सरक (स्लाइड) सकती हैं। इन पर १ से १० (वातव में १) तक के निशान बने होते हैं जो गघुगणकीय पैमाने पर होते हैं (१ और २ के बीच की दूरी तथा २ और ३ के बीच की दूरी समान नहीं होती, जैसा कि साधारण पटरियों में होती है।)

इन्हें भी देखें

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एक स्लाइड रूल पर स्थित कर्सर

बाहरी कड़ियाँ

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सामान्य जानकारी एवं इतिहास आदि:

स्वयं करने की विधियाँ: