वुट्ज इस्पात

मूषा इस्पात के प्रकार

वुट्ज इस्पात (Wootz steel) एक विशेष गुणों वाला इस्पात है जिसका विकास भारत में ईसापूर्व 300 हुआ था। इसी इस्पात से दमिश्क इस्पात बनती थी।[1]

18वीं शताब्दी में फारस में फोर्ज की गयी वुट्ज इस्पात का चित्र

'वुट्ज' (wootz) शब्द दक्षिण भारतीय भाषाओं में 'पिघलाना' तथा 'इस्पात' के लिये प्रयुक्त शब्दों से बहुत मेल खाता है।[2]

  • उरुक्कु (तमिल : உருக்கு) ; मलयालम : ഉരുക്കു), : इसका अर्थ 'पिघलाना' है।
  • उरुक्के (कन्नड :ಉರ್‍ಕು, ಉಕ್ಕು ; तेलुगु : ఉక్కు) : इस शब्द का अर्थ 'इस्पात' है।

भारत में वुट्ज इस्पात का निर्माण खूब होता था। यहाँ से इसका निर्यात मध्य पूर्व के देशों को होता था जहाँ इससे दमिश्क इस्पात बनती थी जिससे तलवार की ब्लेडें बनतीं थीं।[3] वुट्ज इस्पात की एक प्रमुख विशेषता यह है कि यह कठोर होती है तथा इससे बनी तलवार की ब्लेडें तेज धार वाली होने के साथ-साथ दृढ होतीं हैं।

  1. Sharada Srinivasan; Srinivasa Ranganathan (2004). India's Legendary Wootz Steel: An Advanced Material of the Ancient World Archived 2019-02-11 at the वेबैक मशीन. National Institute of Advanced Studies. OCLC 82439861.]
  2. Roddam Narasimha; J Srinivasan; S K Biswas (6 December 2003). The Dynamics of Technology: Creation and Diffusion of Skills and Knowledge. SAGE Publications. pp. 135–. ISBN 978-0-7619-9670-5.
  3. Hilda Ellis Davidson. The Sword in Anglo-Saxon England: Its Archaeology and Literature. pp.20

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