वेटिंग फ़ॉर अ वीज़ा

डॉ॰ बाबासाहब आम्बेडकर की आत्मकथा

वेटिंग फॉर अ वीजा नामक भीमराव आम्बेडकर ने अंग्रेजी में अपनी आत्मकथा लिखी थी। इसकी पृष्ठ संख्या 20 एवं लेखन का सन 1935-36 हैं।[1] वेटिंग फॉर अ वीजा के संपादक प्रो॰ फ्रांसेज डब्ल्यू प्रिटचेट ने आंतरिक साक्ष्यों के आधार पर अनुमान लगाया है कि यह 1935 या 1936 की रचना है। इसमें अम्बेडकर द्वारा उनके हस्तलेख में तैयार की गई अस्पृश्यता के साथ अपने अनुभवों से संबंधित यादें शामिल हैं।[2] ‘वेटिंग फॉर अ वीजा’ का पहला प्रकाशन पीपुल्स एजुकेशन सोसायटी द्वारा 1990 में हुआ था। इसकी पांडुलिपि भी वहीं उपलब्ध है। इसे अमेरिका के कोलंबिया विश्वविद्यालय में पाठ्यपुस्तक के तौर पर पढ़ाया जाता है।[3][4] अंग्रेजी से इसका हिन्दी अनुवाद सविता पाठक ने किया है।[5]

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Ambedkar, Dr. B.R. "Waiting for a Visa". columbia.edu. Columbia University. मूल से 24 जून 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 April 2015.
  2. Moon, Vasant (1993). Dr. Babasaheb Ambedkar: Writings and Speeches, Vol. 12. Mumbai: Bombay: Education Department, Government of Maharashtra. |access-date= दिए जाने पर |url= भी दिया जाना चाहिए (मदद)
  3. [1] Archived 2010-06-24 at the वेबैक मशीन.
  4. "भारत नहीं, कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढ़ाई जाती है डॉ. भीमराव आम्बेडकर की आत्मकथा". मूल से 17 अप्रैल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 अप्रैल 2019.
  5. आंबेडकर, Dr Ambedkar डॉ (5 दिस॰ 2017). "डॉ. आंबेडकर की आत्मकथा". फॉरवर्ड प्रेस. मूल से 26 जुलाई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 अगस्त 2018. |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)