वेद प्रकाश शर्मा (अंग्रेज़ी: Ved Prakash Sharma) (जन्म: ० जून १९५५ – १७ फ़रवरी २०१७) हिंदी के लोकप्रिय उपन्यासकार थे। इन्होंने सस्ते और लोकप्रिय उपन्यासों की रचना की है। इनके 176 उपन्यास प्रकाशित हुए। इसके अतिरिक्त इन्होंने खिलाडी श्रृंखला की फिल्मों की पटकथाएं भी लिखी।

वर्दी वाला गुंडा वेद प्रकाश शर्मा का सफलतम थ्रिलर उपन्यास है। इस उपन्यास की आजतक लगभग 8 करोड़ प्रतियाँ बिक चुकी हैं। भारत में जनसाधारण में लोकप्रिय थ्रिलर उपन्यासों की दुनिया में यह उपन्यास "क्लासिक" का दर्जा रखता है।[1]

० जून, 1955 को मेरठ में जन्मे वेद प्रकाश शर्मा के पिता पं॰ मिश्रीलाल शर्मा मूलत: मुजफ्फरनगर जिले के बिहरा गांव के रहने वाले थे। वेद प्रकाश एक बहन और सात भाइयों में सबसे छोटे हैं। एक भाई और बहन को छोड़कर सबकी प्राकृतिक-अप्राकृतिक मौत हो गई। 1962 में बड़े भाई की मौत हुई और उसी साल इतनी बारिश हुई कि किराए का मकान टूट-टाट गया। फिर गैंगरीन की वजह से पिता की एक टांग काटनी पड़ी। घर में कोई कमाने वाला नहीं था, सारी जिम्मेदारी मां पर आ गई।

जीवन और समाज को करीब से देखने वाले वेद प्रकाश की तीन बेटियां (करिश्मा, गरिमा और खुशबू) और उपन्यासकार बेटा शगुन शादीशुदा हैं।[2] तुलसी पॉकेट बुक्स नामक प्रकाशन संस्थान भी इन्होंने शुरू किया था।

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "अपनी हिन्दी में बेस्ट सेलर". लाइव हिन्दुस्तान. ४ फ़रवरी २०१२. मूल से 19 फ़रवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १८ फ़रवरी २०१७.
  2. "प्रख्यात उपान्यासकार वेद प्रकाश शर्मा पंचतत्व में विलीन". लाइव हिन्दुस्तान. १८ फ़रवरी २०१७. मूल से 19 फ़रवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 फ़रवरी 2017.

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