फाल्गुन माह के कृष्णपक्ष की एकादशी, बैकुण्ठ एकादशी कहलाती हैं। इसे 'पंकोद्धार एकादशी' या 'विजया एकादशी' भी कहते हैं।

विजया एकादशी का व्रत करने वाला मनुष्य शत्रु पर विजय प्राप्त करता है। पुराण कथा है कि सीता का पता लगाने के लिए रामचन्द्र वानर सेना के साथ समुद्र के उत्तर तट पर खड़े थे तब रावण जैसे बलवान शत्रु और सागर की गम्भीरता को लेकर चिन्तित थे। इसके उपाय के लिए मुनियों ने उन्हें विजया एकादशी का व्रत करने का परामर्श दिया। व्रत के प्रभाव से सागर पार करके उन्होने रावण का वध किया।