वैर-भुसावर विधानसभा क्षेत्र (राजस्थान)

वैर-भुसावर विधानसभा क्षेत्र वैर और भुसावर दोनो ही छोटे शहर (कस्बे) है वैर और भुसावर शहर में अलग-अलग नगर पालिका, न्याय पालिका, तहसील कार्यालय, पंचायत समिति कार्यालय, उपखण्ड कार्यालय व विभिन्न विभागों के अलग-अलग कार्यालय स्थित है वैर कस्बे की स्थापना राजा प्रतापसिंह ने 1726 ई. में की थी। वैर बाग-बगीचों का कस्बा कहलाता है। फुलवाड़ी महल, नौलखा बाग, प्रताप फुलवारी, वैर का किला, ऊँटाला का किला आदि यहाँ के दर्शनीय स्थल हैं। इसे भरतपुर जिले की लघुकाशी भी कहते हैं कस्बा के दक्षिण-पश्चिम में हाथौड़ी का किला, इस किले के सामने प्रसिद्ध कदम्ब कुण्ड जलाशय, इसके बाद बल्लभगढ़ का किला व महल तथा वहां की प्रसिद्ध बाबड़ी है। यहीं के ग्राम निठार स्थित महल एवं बावड़ी आदि अनेक दर्शनीय स्थल मौजूद हैं। पास ही प्रसिद्ध जहाज गांव है जहां लोकदेवता देव बाबा का मेला आयोजित होता है भुसावर कस्बे का आचार पूरे राजस्थान प्रदेश में प्रसिद्ध है यह दोनों ही पर्वत श्रंखलाओं से घिरे हुए शहर है इन दोनों की मध्य की सड़क मार्ग दूरी 12 किलोमीटर है वैर शहर से भरतपुर जिला मुख्यालय की सड़क मार्ग दूरी 44 है जब कि भुसावर शहर से भरतपुर जिला मुख्यालय की सड़क मार्ग दूरी 51 किलोमीटर है वैर-भुसावर विधानसभा क्षेत्र बागवानी व कृषि कार्य के लिए जाना जाता है!


जगन्नाथ पहाड़िया राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री श्री जगन्नाथ पहाड़िया का जन्म स्थान कस्बा भुसावर ही था। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव तथा केंद्रीय मंत्री रहे थे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में उनकी नजदीकियां श्रीमती इंदिरा गांधी एवं श्री संजय गांधी के साथ बहुत ही गहरी थी। श्री जगन्नाथ पहाड़िया हरियाणा तथा बिहार के राज्यपाल भी रहे थे साथ ही साथ राजस्थान सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने देश एवं राज्य की राजनीति में सराहनीय कार्य किए थे। जगन्नाथ पहाड़िया जी 4 बार सांसद और 4 बार विधायक रहे पहाड़िया जी सन 1957,1967,1971 & 1980 चार बार सांसद रहे और जगन्नाथ जी 1980,1985,1999,& 2003 मैं 4 बार विधायक रहे 1989 से 1990 तक बिहार के राज्यपाल रहे 2009 से 2014 तक हरियाणा के राज्यपाल भी रहे।

श्रीमती शांति पहाड़िया वैर विधानसभा क्षेत्र की विधायक एवं राज्यसभा सदस्य रहीं थी। श्रीमती शांति पहाड़िया पूर्व मुख्यमंत्री श्री जगन्नाथ पहाड़िया की पत्नी हैं।