इंजीनियरी के क्षेत्र में नियन्त्रण और लाइसेंसिंग की जाती है ताकि जनता की सुरक्षा, कल्याण, आदि सुनिश्चित किये जा सकें।

भारत में किसी विश्वविद्यालय से इंजीनियरी में बैचलर या मास्टर्स डिग्रीधारी ही सलाहकार इंजीनियर के रूप में काम कर सकते हैं। इसके साथ ही उन्हें स्थानीय नगरपालिका से लाइसेंस प्राप्त होना चाहिये या उनके साथ पंजीकृत होना चाहिये, तभी वे अपने सार्वजनिक योजना, डिजाइन, चित्रकारी (ड्राइंग) आदि जमा कर सकते हैं। अन्य देशों में भी विभिन्न प्रकार की व्यवस्थाएँ हैं।