शंकर वरियार
शंकर वरियार (1500 - 1560 ई) भारत के केरलीय गणित सम्प्रदाय के ज्योतिषी एवं गणितज्ञ थे। उनका परिवार आधुनिक ओट्टापालम के निकट त्रिकुटवेलि के शिव मन्दिर में कार्यरत थे।
शंकर वरियार को मुख्यतः नीलकण्ठ सोमयाजि तथा ज्येष्ठदेव से गणित की शिक्षा मिली। शंकर के अन्य शिक्षक थे- नेत्रनारायण (नीलकण्ठ सोमयाजिन के संरक्षक) तथा चित्रभानु।
कृतियाँ
संपादित करेंशंकर वरियार की ज्ञात कृतियाँ निम्नलिखित हैं-
- युक्तिदीपिका : काव्य रूप में तंत्रसंग्रह की टीका, युक्तिभाषा के आधार पर
- लघुविवृति : गद्य रूप में तंत्रसंग्रह की लघु टीका
- क्रियाक्रमकरी : भास्कर द्वितीय की लीलावती की दीर्घ गद्य के रूप में टीका
- १५२९ में एक खगोलशास्त्रीय टीका ग्रन्थ की रचना की।
- १५५४ में खगोलशास्त्र की पुस्तिका की रचना की
सन्दर्भ
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