शर्मिला विश्वास

भारतीय शास्त्रीय नृत्यांगना और कोरियोग्राफर

शर्मिला विश्वास (अन्य वर्तनी: शर्मिला बिस्वास) ओड़िसी की प्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय नृत्यांगना और कोरियोग्राफर हैं। वह गुरु केलुचरण महापात्र की शिष्या हैं। 2012 में, शर्मिला को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसे भारत की संगीत, नृत्य और नाटक की राष्ट्रीय अकादमी, संगीत नाटक अकादमी, द्वारा दिया जाता है।

शर्मिला विश्वास
जन्म कोलकाता, भारत
पेशा शास्त्रीय नृत्यांगना, कोरियोग्राफर
वेबसाइट
sharmilabiswas.com/home.html

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

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शर्मिला विश्वास का जन्म और पालन-पोषण कोलकाता में हुआ, जहाँ उन्होंने आठ साल की उम्र से नृत्य सीखना शुरू कर दिया था। जब वह सोलह साल की थी, तो उन्होंने मुरलीधरन माझी से ओड़िसी में प्रशिक्षण शुरू किया और फिर केलुचरण महापात्र के तहत प्रशिक्षण लिया।[1] इसके बाद, उन्होंने कलानिधि नारायणन से अभिनय सीखा।

व्यक्तिगत जीवन

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शर्मिला ने 1987 में स्वपन कुमार विश्वास से शादी की, जो स्वास्थ्य प्रबंधन में विशेषज्ञता रखने वाले डॉक्टर हैं। दोनों कोलकाता में रहते हैं और उनका एक बेटा शौमिक विश्वास है।[1]

इन कई वर्षों में, शर्मिला ने एलिफेंटा, खजुराहो नृत्य महोत्सव और कोणार्क नृत्य महोत्सव और यूके, यूएसए, जर्मनी, रूस, दुबई और बांग्लादेश में कला उत्सवों में भाग लिया है। वह शास्त्रीय ओड़िसी के साथ-साथ अपने प्रयोगात्मक नृत्य को भी करती है।[1][2][3][4]

उन्होंने उड़ीसा के मंदिर नर्तकों द्वारा प्रस्तुत प्राचीन महरी नृत्य पर भी व्यापक शोध किया है।[2] 1995 में, उन्होंने कोलकाता में ओड़िसी विजन एंड मूवमेंट सेंटर (OVM) की स्थापना की, जहाँ वह कलात्मक निर्देशक हैं और युवा डांसरों को प्रशिक्षण देती हैं।

2009 में, उन्होंने पूर्व धारा शुरू किया, जो पूर्वी भारत और उत्तर पूर्व भारत के पारंपरिक नृत्यों का एक वार्षिक उत्सव है।

पुरस्कार

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उन्हें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से "सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी अवार्ड" से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें भारत में, पुरी की देवदासियों पर आधारित सम्पूर्णा नामक नृत्य के निर्माण के लिए मिला।[1] 1998 में, सूचना और प्रसारण विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से 1998 में उदय शंकर सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी का पुरस्कार मिला।[2] 2010 में, शर्मिला को महारी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।[5] 2012 में, उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह कलाकारों के लिए सर्वोच्च पुरस्कार है, जो भारत की संगीत, नृत्य और नाटक की राष्ट्रीय अकादमी, संगीत नाटक अकादमी, द्वारा दिया जाता है।[6][7]

  1. "Rhythms of life". The Telegraph. 23 April 2005. मूल से 4 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 May 2013.
  2. "Katha Kavya Abhinaya". Sangeet Natak Akademi. 2011. मूल से 27 September 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 May 2013.
  3. Gowri Ramnarayan (28 January 2010). "Treat to the eye and ear". The Hindu. मूल से 28 नवंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 May 2013.
  4. "A blend of lasya and tandava: Innovative dance recital by Sharmila Biswas marked the Dhauli Mohotsav". The Hindu. 14 Apr 2006. मूल से 29 जून 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 May 2013.
  5. "Sharmila Biswas conferred Mahari Award". The Hindu. अभिगमन तिथि 2 June 2013.
  6. "Sangeet Natak Akademi Fellowships and Akademi Awards 2012" (PDF). Press Information Bureau, Govt of India. मूल से 2 फ़रवरी 2014 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि 28 May 2012.
  7. "SNA: List of Akademi Awardees". Sangeet Natak Akademi Official website. मूल से 2015-05-30 को पुरालेखित.