शर्मीन ओबैद-चिनॉय
शर्मीन ओबैद-चिनॉय (उर्दू:شرمین عبید چنائے; जन्म: 12 नवंबर 1978), एक पाकिस्तानी पत्रकार, समाजसेवी और फ़िल्म निर्माता है। वे अकादमी पुरस्कार जीतने वाली पहली और दो बार जीतने वाली पहली पाकिस्तानी हैं। 28 फरवरी, 2016 को लास एंजेल्स (यू.एस.ए.) में संपन्न 88वें अकादमी पुरस्कार समारोह में उन्होने सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट सब्जेक्ट का अकादमी पुरस्कार पुरस्कार जीता। चिनॉय की डाक्यूमेंट्री फिल्म ‘ए गर्ल इन द रिवरः द प्राइस ऑफ फॉरगिवनेस ’ है। इसमें पाकिस्तान में ऑनर किलिंग का मुद्दा उठाया गया है। वर्ष 2012 में अपने लघु वृत्त चित्र सेविंग फेस के लिए भी उन्होने अकादमी पुरस्कार जीता था। इसके अलावा चिनॉय वर्ष 2010 तथा वर्ष 2014 में अपनी दो डॉक्यूमेंट्री के लिए एमी पुरस्कार भी जीत चुकी हैं।[1][2]
शर्मीन ओबैद-चिनॉय شرمین عبید چنائے | |
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2013 में विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक में ओबैद-चिनॉय | |
जन्म |
शर्मीन ओबैद 12 नवम्बर 1978 कराची, सिंध, पाकिस्तान |
राष्ट्रीयता | पाकिस्तानी |
पेशा | फ़िल्म निर्माता, पत्रकार |
कार्यकाल | 2002-अवलंबी |
वेबसाइट औपचारिक जालस्थल |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Sharmeen Obaid wins second Oscar award" [शरमीन ओबैद ने दूसरा ऑस्कर पुरस्कार जीता]. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून (अंग्रेज़ी में). मूल से 4 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 मार्च 2016.
- ↑ "Pakistan's Oscar triumph for acid attack film Saving Face" [एसिड हमले पर आधारित पाकिस्तानी फिल्म सेविंग फेस को ऑस्कर मिला]. बीबीसी न्यूज (अंग्रेज़ी में). नोशीन अब्बास. मूल से 3 अगस्त 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 December 2014.
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करेंशर्मीन ओबैद-चिनॉय से संबंधित मीडिया विकिमीडिया कॉमंस पर उपलब्ध है। |