न्याययिक अनुसंधान के प्रयोजन हेतु दफ़न कर दिए गए शव को जमीन से उखाड़ने की क्रिया शव-उत्खनन कहलाती है। यह क्रिया मृत्यु का कारण, मृत्यु का समय, मृत्यु का तरीका एवम कभी-कभी शव की पहचान के लिए उपयोग की जाती है।

  • आपराधिक गर्भपात के प्रकरण में गर्भपात का तरीका एवम साक्ष्यों के संकलन के लिए।
  • संदेहास्पद विष के प्रकरणों में विष साक्ष्यों के संकलन के लिए।
  • अज्ञात शव की पहचान उदेश्य से उपलब्ध साक्ष्यों के संकलन के लिए।
  • दुर्घटना बीमा, दुराचार की जिम्मेदारी तय करने के लिए।
  • उत्तराधिकरी का दावा करने के निराकरण के लिए।
  • आपराधिक प्रकरण में DNA जैसे महत्वपूर्ण साक्ष्य संकलन के लिए।

परिक्षण के लिए घटनास्थल एवम शव से संकलित निम्न वस्तुओं को प्रयोगशाला भेजा जाना चाहिए।

  • शव के उपर और निचे की मिट्टी को प्रयोगशाला भेजना चाहिए।
  • शव पर लगी हुई मिट्टी को भी प्रयोगशाला भेजना चाहिए।
  • सर के बाल जो सर के आस-पास मिलते हैं।
  • नाख़ून, दंत, हड्डिया, विसरा आदि परीक्षण के लिए भेजे जाते हैं।
  • DNA परीक्षण हेतु दंत, बाल और पैर की लम्बी हड्डिया भेजी जाती है।