शाण्डिल्योपनिषद
शाण्डिल्य उपनिषत् एक गौण उपनिषद है।[1][2] चार वेदों में जो बीस योग उपनिषद हैं, यह उनमें से एक है।[3] यह अथर्व वेद से सम्बद्ध है।[4][5]
इस उपनिषद में योग की विधियों का वर्णन है तथा जिन ग्रन्थों में योग की चर्चा हुई है उनमें सबसे विस्तृत चर्चा सम्भवतः शाण्डिल्य उपनिषद में ही हुई है। [6][7] इसमें दस यम, दस नियम और आठ आसनों का वर्णन है।[6] इसके अलावा तीन प्राणायाम, पाँच प्रकार के प्रत्याहार , पाँच प्रकार की धारणा, और दो प्रकार के ध्यान एवं एक प्रकार Archived 2024-02-13 at the वेबैक मशीन की समाधि का भी वर्णन है। [8][5]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Deussen 1997, पृ॰ 557.
- ↑ Aiyar 1914, पृ॰ viii, 173.
- ↑ Ayyangar 1938, पृ॰ vii.
- ↑ Ayyangar 1938, पृ॰ 448.
- ↑ अ आ Aiyar 1914, पृ॰ 173.
- ↑ अ आ Larson & Bhattacharya 2008, पृ॰ 626.
- ↑ Hattangadi 2000.
- ↑ Ayyangar 1938, पृ॰प॰ 448–449.
इन्हें भी देखें
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संपादित करेंमूल ग्रन्थ
संपादित करेंअनुवाद
संपादित करें- Translations of major Upanishads
- 11 principal Upanishads with translations
- Translations of principal Upanishads at sankaracharya.org
- Upanishads and other Vedanta texts
- डॉ मृदुल कीर्ति द्वारा उपनिषदों का हिन्दी काव्य रूपान्तरण
- Complete translation on-line into English of all 108 Upaniṣad-s [not only the 11 (or so) major ones to which the foregoing links are meagerly restricted]-- lacking, however, diacritical marks