शान्ति स्वरूप धवन (२ जुलाई १९०६ - १९७८) भारत के एक राजनेता, राजनयिक और न्यायविद थे। वे १९ सितम्बर १९६९ से २१ अगस्त १९७१ तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल भी रहे।

जीवन परिचय संपादित करें

शान्ति स्वरूप धवन का जन्म 2 जुलाई 1905 को डेरा इस्माइल खान मे (अब खैबर पख्तूनवाला, पाकिस्तान में) राय बहादुर बली राम धवन के घर हुआ था। उनकी शिक्षा लाहौर के क्रिश्चियन कॉलेज में, कैम्ब्रिज के इमैनुएल कॉलेज में, और लन्दन के मिडिल टेम्पुल इन्स ऑफ कोर्ट में हुई थी। यहीं से उन्होंने कानून की शिक्षा ली। इमैन्युअल कालेज में वे कैम्ब्रिज छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे। सन १९४० से १९५४ तक वे इलाहाबाद विश्वविद्यालय में विधि के व्याख्याता थे। इसके बाद २८ जून १९५८ से २ जुलाई १९६७ तक वे इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायधीश रहे। इसके बाद वे भारत के सर्वोच्च न्यायालय में वरिष्ट अधिवक्ता नियुक्त हुए। इसके बाद वे युनाइटेड किंगडम के उच्चायुक्त नियुक्त किये गये जहाँ उन्होंने १९६८ से १९६९ तक कार्य किया।

उनके दो पुत्र थे, रवि धवन जो इलाहाबाद और पटना के उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश थे और राजीव धवन जो कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय में एक प्रसिद्ध वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। उनकी पुत्री रानी धवन शंकरदास भारत की एक सामाजिक इतिहासकार तथा कारागार सुधार की वैश्विक विशेषज्ञ हैं। वे दण्ड सुधार एवं न्याय संघ (PRAJA) की महासचिव हैं। वे दण्ड सुधार इंटरनेशनल की अध्यक्षा भी हैं।

वे 19 सितंबर 1969 से 21 अगस्त 1971 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे। उनके इस कार्यकाल में वहाँ दो बार राष्ट्रपति शासन रहा, पहली बार अजय मुखर्जी की संयुक्त मोर्चा सरकार के पतन के बाद तथा दूसरी बार १९७१ में उनके तीसरे मंत्रिमण्डल के गिरने के बाद।

सन्दर्भ संपादित करें

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें