शिवदिग्विजय
श्री-शिव-दिग्विजय मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी की जीवनी है जो मराठी भाषा में है।
लेखक | अनाम |
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मूल शीर्षक | श्री शिवदिग्विजय |
भाषा | मराठी |
विषय | शिवाजी की जीवनी |
शैली | बखर |
प्रकाशन तिथि | ठीक-ठीक पता नहीं |
प्रकाशन स्थान | भारत |
इस ग्रन्थ के रचयिता का नाम अज्ञात है। [1] एल के दांडेकर और पीआर नंदुरबारकर ने इसे 1895 में संपादित किया था। उन्होंने इसकी रचना का श्रेय शिवाजी के सचिव बालाजी अवजी के पुत्र खंडो बल्लाल (1718) को दिया है। [2] जदुनाथ सरकार और सुरेंद्र नाथ सेन जैसे इतिहासकार इसे सत्य नहीं मानते। उनका मानना है कि यह ग्रन्थ आधुनिक काल में लिखा गया है। [3] खगोलशास्त्री एसबी दीक्षित का मत है कि इस ग्रन्थ की रचना 1818 में हुई। [4]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Prachi Deshpande (2007). Creative Pasts: Historical Memory and Identity in Western India, 1700-1960. Columbia University Press. पृ॰ 223. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-231-12486-7.
- ↑ Surendra Nath Sen (1976). Administrative System of the Marathas. K. P. Bagchi. पपृ॰ 2–3.
- ↑ Jagadish Narayan Sarkar (1977). History of History Writing in Medieval India. Ratna Prakashan. पृ॰ 7.
- ↑ B. K. Ahluwalia; Shashi Ahluwalia (1984). Shivaji and Indian Nationalism. Cultural Publishing House. पृ॰ 72.